सदस्य 3000, बैठने की व्यवस्था 300
संवाद सहयोगी, कुल्लू : जिला पुस्तकालय कुल्लू में प्रशासन के प्रयास से काफी हद तक व्यवस्था सुधर
संवाद सहयोगी, कुल्लू : जिला पुस्तकालय कुल्लू में प्रशासन के प्रयास से काफी हद तक व्यवस्था सुधर गई है। लेकिन तीन हजार के करीब सदस्यों वाले पुस्तकालय में बैठने की क्षमता महज 300 लोगों की ही है।
कुल्लू पुस्तकालय भवन में बच्चों के लिए अलग से सेक्शन बनाया गया है, जिसमें बच्चों की रुचि की हर किताबें मौजूद हैं। इस विशालकाय भवन में 43254 विभिन्न प्रकार की पुस्तकें पढ़ने के लिए मौजूद हैं। साथ ही बैठने के लिए भूमि आसन की व्यवस्था भी की गई है, जहां बैठकर आए दिन छात्र-छात्राएं आसानी से पढ़ाई व चित्रकला आदि का शौक भी पूरा करते हैं। भवन में चार कंप्यूटर भी स्थापित किए गए हैं। वाई-फाई की सुविधा होने से यहां लैपटॉप लेकर आने वालों को इस सुविधा का नि:शुल्क लाभ उठाते हैं। यहां पर प्रत्येक सप्ताह 15 के करीब नई पुस्तकें आती हैं इस वर्ष भी लगभग 200 पुस्तकें कुल्लू पुस्तकालय में आई हैं।
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पुस्तकालय का इतिहास
कुल्लू में काफी पुराना पुस्तकालय है, यहां पर कार्यरत अधिकारियों को भी मालूम नहीं है कि यह कितना पुराना है। अधिकारी बताते हैं कि कुल्लू में पहले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छात्र कुल्लू में पहले पुस्कालय होता था। वर्ष 1972 में कुल्लू के कलाकेंद्र में इसे स्थानांतरित किया गया है। उस समय इस पुस्कालय की हालत बहुत ही दयनीय थी न तो बैठने की सुविधा और न ही किताबें पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध थी। धीरे-धीरे जिला प्रशासन के सहयोग से इस पुस्कालय का जीणोद्धार हुआ और आज इस पुस्कालय में तीन कमरे व एक हाल है।
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पुस्तकालय भवन में ही कॉफी हाउस की भी सुविधा :
कुल्लू के इस पुस्कालय में कॉफी हाउस की भी सुविधा है, जहां पर पढ़ाई करने के साथ-साथ कॉफी का भी आंनद लेते हैं। यहां पर पुस्तकालय के बाहर बड़ा आंगन बना है, जहां पर छात्र धूप का भी आंनद लेते हैं।
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कुल्लू में बने पुस्कालय भवन को बढ़ाने की योजना तैयार की जा रही है। यहां पर पंजीकरण अधिक व बैठने के लिए जगह कम पड़ रही है। जल्द ही इसके लिए बजट का प्रावधान कर इसे बढ़ाया जाएगा।
-सन्नी शर्मा, सहायक आयुक्त, कुल्लू।
------ पुस्तकें व सदस्य :
पुस्तकों की संख्या,43254
पंजीकृत सदस्य,2953