Move to Jagran APP

तमगा स्वच्छता का, कचरा खुले में जलाया जा रहा

स्वच्छता के लिए पुरस्कार हासिल करने वाले जिला कुल्लू अब कचरे के ढेर में बदल गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से पीरडी स्थित कूड़ा संयंत्र पर कचरा न फेंकने के आदेश के बाद अब शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर मिलते हैं। हैरानी तो इस बात की है कि अब रात के अंधेरे में कचरे को खुले में जलाया जा रहा है। हालात यह हैं कि कुल्लू भूंतर और मनाली नगर परिषदों के पास कचरे को ठिकाने लगाने के लिए जगह ही नहीं है। शहर व मनाली के कूड़े की समस्या को हल करने के लिए फरवरी माह में दो महीने का वक्त तय किया गया था लेकिन अब यह समय जून माह तक चला गया है। यानी पर्यटन सीजन के दौरान भी मनाली व कुल्लू में कचरे के ढेर देखने को मिलेंगे। शहर के हालात यह हैं कि डंपिग साइट बंद होने के बाद जिस भ्ज्ञी स्थान पर इसके निष्पादन के लिए जगह की तलाश की गई वहां पर विरोध हुआ है। हालांकि हर वार्ड में कचरा निष्पा

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 May 2019 07:47 AM (IST)Updated: Mon, 06 May 2019 06:45 AM (IST)
तमगा स्वच्छता का, कचरा खुले में जलाया जा रहा
तमगा स्वच्छता का, कचरा खुले में जलाया जा रहा

मुकेश मेहरा, कुल्लू

loksabha election banner

स्वच्छता के लिए पुरस्कार हासिल करने वाले जिला कुल्लू अब कचरे के ढेर में बदल गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की ओर से पिरड़ी स्थित कूड़ा संयंत्र पर कचरा न फेंकने के आदेश के बाद अब शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर मिलते हैं। अब रात के अंधेरे में कचरे को खुले में जलाया जा रहा है। हालात यह हैं कि कुल्लू, भुंतर और मनाली नगर परिषदों के पास कचरे को ठिकाने लगाने के लिए जगह ही नहीं है। शहर व मनाली के कूड़े की समस्या को हल करने के लिए फरवरी में दो माह का वक्त तय किया गया था, लेकिन अब यह समय जून तक चला गया है। यानी पर्यटन सीजन के दौरान भी मनाली व कुल्लू में कचरे के ढेर देखने को मिलेंगे।

शहर के हालात यह हैं कि डंपिग साइट बंद होने के बाद जिस भी स्थान पर इसके निष्पादन के लिए जगह की तलाश की गई वहां पर विरोध हुआ है। हालांकि हर वार्ड में कचरा निष्पादन की योजना बनाई गई लेकिन हाल बदहाल है। यही हाल मनाली में है, यहां भी कचरा रांगड़ी भेजा जा रहा है जहां पर कचरे से बिजली पैदा करने की योजना है, लेकिन वहां पर भी ब्यास नदी के किनारे इसका ढेर लगाया जा रहा है। अगर आंकड़ों पर गौर किया जाए तो 100 टन से अधिक कचरा कुल्लू जिला से निकलता है। प्रशासन की योजना था कि रांगड़ी में कचरे से बिजली तैयार करने वाले प्रोजेक्ट में इसे इस्तेमाल किया जाएगा, लेकिन लेटलतीफी की बदौलत आज शहर कचरे में तबदील हो रहा है और अगले जून तक स्थित जस की तस बनी रहेगी। क्योंकि जिस स्थान रांगड़ी में यह कचरे से बिजली तैयार करने का प्रोजेक्ट बनना है वहां अभी तक जमीनी स्तर पर पुख्ता कार्रवाई नहीं हुई है।

---------

यह थी प्रशासन की योजना

प्रशासन कांगड़ा जिला के पालमपुर की पंचायत आईमा की तर्ज पर कूड़ा संयंत्र कूल्लू में बनाना चाहता है। इसके लिए इंसीनेटर और कंप्रेशर लगाने की योजना है, लेकिन अभी तक इसके लिए निविदाएं ही आयोजित नहीं की गई है। वहीं मनाली के रांगड़ी में बन रहे कूड़ा संयंत्र के बनने के लिए दो से तीन महीने का वक्त लगेगा और उसके बाद यहां पर बिजली तैयार की जाएगी। इस संयंत्र की मशीनरी विदेशों से आ रही है तथा इसके इंस्टाल होते ही यहां पर भी कचरे की मात्रा के अनुसार कुल्लू से भी कचरा भेजा जाएगा। यहां पर 1.2 मेगावॉट बिजली तैयार होगी।

----------

शहर में कचरे के निष्पादन के लिए ठोस नीति अब तक कागजों मे ही दिख रही है। जिस तरह से रात के अंधेरे में कचरा जलाया जा रहा है, वह चितनीय है। प्रशासन को कार्रवाई तेज करनी चाहिए। अगर समय पर रांगड़ी वाला संयंत्र बन जाता है तो उससे काफी राहत जिले को मिलेगी।

-पीडी आजाद, कुल्लू।

----------------------

यूं तो नगर परिषद आए दिन कचरा को उठाने के लिए कर्मचारी भेजते हैं, लेकिन कचरा कहां जा रहा है तथ कहां निष्पादित हो रहा कोई पता नहीं। कई बार इसे जलाया जाता है तो कई बार ट्रक भरकर कहीं बाहर भेजने की सूचनाएं समाचार पत्रों में आती हैं। प्रशासन को चाहिए कि अगर कहीं कोई काम में लेटलतीफी कर रहा है तो कड़ी कार्रवाई करे।

-सरिता शर्मा, कुल्लू।

-------------

मैं जब भी कुल्लू शहर में निकलता हूं तो कचरा और मिट्टी परेशान करते हैं। इतने सुंदर शहर में अगर कचरे को सही ठिकाना नहीं है तो यहां पर किस तरह से प्रशासन काम कर रहा है। हम बाहर से आने वाले लोगों पर भी इसका गलत संदेश जाता है। देश व दुनिया में कुल्लू-मनाली का नाम बेहद सुंदर शहरों के रूप में है, ऐसे में इसकी छवि को बनाए रखने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए।

-जॉन, निवासी यूके।

-------------

नगर परिषद के कर्मचारी यूं तो कचरा उठाने आते हैं तथा गीला व सूखा कचरा अलग-अलग रखने के लिए कहा जाता है। लोग भी सहयोग करेंगे, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि प्रशासन अपने तय समयावधि पर काम को पूरा करे, ताकि कचरे को सही ठिकाने पर पहुंचाया जा सके।

हीरा लाल, कुल्लू।

---------------------

कचरे के कारण कई बार सुबह मोर्निंग वॉक के दौरान भी परेशानी होती है। कई ऐसे स्थान हैं जहां पर कचरे का ढेर लगाया गया है। इसमें बस अड्डे के पास, कॉलेज ग्राउंड के पास सहित अन्य स्थान शामिल हैं। प्रशसन को जल्द से जल्द इस समस्या का हल करना चाहिए।

-मोनिका सिंह, कुल्लू।

------------------------

यूं तो कुल्लू मनाली को स्वच्छता के लिए इनाम मिले हैं, लेकिन एकाएक भयंकर हुई इस स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां न के बराबर दिख रही हैं। नगर परिषद कुल्लू व भुंतर का कचरा कहां जा रहा है इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं है। कई जगह तो ब्यास नदी किनारे डंप बनाए गए हैं। प्रशासन को कार्रवाई जल्द करनी चाहिए।

-लता भारद्वाज, कुल्लू।

---------------------

जिला में कचरे के निष्पादन के लिए प्रशासन कार्रवाई कर रहा है। मैंने भी अपने स्तर पर इस मामले को उठाया है। मेरा प्रयास है कि कुल्लू-मनाली को स्वच्छ बनाया जाए, ताकि यहां आने वाले पर्यटकों में अच्छा संदेश जाए।

-रामस्वरूप शर्मा, सांसद एवं भाजपा प्रत्याशी।

-----------

कचरे की समस्या कुल्लू के लिए बड़ी हो गई है। यह हर घर से जुड़ी समस्या है तथा अगर लोग मुझे अपना आशीर्वाद देते हैं तो इसके हल के लिए हर जरूरी प्रयास कर लोगों को बेहतर परिणाम भी लाकर दिखाऊंगा।

-आश्रय शर्मा, प्रत्याशी कांग्रेस।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.