भक्ति एकतरफा प्रेम नहीं, ओत-प्रोत वाली अवस्था : सुदीक्षा महाराज
जागरण संवाददाता मनाली संत निरंकारी मिशन की प्रमुख सद्गुरु माता सुदीक्षा महाराज ने कहा कि
जागरण संवाददाता, मनाली : संत निरंकारी मिशन की प्रमुख सद्गुरु माता सुदीक्षा महाराज ने कहा कि भक्ति केवल एकतरफा प्रेम नहीं यह तो ओत-प्रोत वाली अवस्था है। भगवान अपने भक्त के प्रति अनुराग का भाव प्रकट करते हैं वहीं भक्त भी अपने हृदय में प्रेम भक्ति का भाव रखते हैं। ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति के उपरांत हृदय से जब भक्त और भगवान का नाता जुड़ जाता है तभी वास्तविक रूप में भक्ति का आरंभ होता है। हमें खुद को इसी मार्ग की ओर अग्रसर करना है जहां भक्त और भगवान का मिलन होता है।
माता सुदीक्षा ने लाहुल-स्पीति जिले के केलंग में भक्ति पर्व समागम में कहा कि जीवन का जो सार तत्व है वह शाश्वत रूप में यह निराकार प्रभु परमात्मा है। इससे जुड़ने के उपरांत जब हम अपना जीवन इस निराकार पर आधारित कर लेते हैं तो फिर गलती करने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। हमारी भक्ति का आधार यदि सत्य है तब फिर चाहे संस्कृति के रूप में हमारा झुकाव किसी भी ओर हो हम सहजता से ही इस मार्ग की ओर अग्रसर हो सकते हैं। किसी संत की नकल करने के बजाय जब हम पुरातन संतों के जीवन से प्रेरणा लेते हैं तब जीवन में निखार आ जाता है।
उन्होंने कहा कि यदि हम किसी स्वार्थ की पूर्ति के लिए ईश्वर की स्तुति करते हैं तो वह भक्ति नहीं कहलाती। भक्ति तो हर पल हर कर्म को करते हुए ईश्वर की याद में जीवन जीने का नाम है। यह एक हमारा स्वभाव बन जाना चाहिए। मंडी के जोनल इंचार्ज डा. आरके अभिलाषी ने सद्गुरु माता के प्रति हृदय से आभार प्रकट किया। प्रशासन एवं स्थानिक सज्जनों के सहयोग के लिए आभार जताया। इस सत्संग कार्यक्रम में केलंग एवं लाहुल-स्पीति के क्षेत्रों से सभी संतों ने हिस्सा लेकर सद्गुरु माता जी के पावन प्रवचनों से स्वयं को निहाल किया।