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हिमाचल: मनाली में बर्फीला तूफान, लाहुल में हिमखंड का कहर

Massive snowfall in Manali मनाली में बर्फीले तूफान ने जमकर तबाही मचायी जिससे सामान्‍य जीवन पूरी तरह अस्‍त-व्‍यस्‍त हो गया, बर्फीले तूफान से कई पेड़ गिर गए और कई मकान और गाड़ियां क्षतिग्रस्‍त हो गई।

By BabitaEdited By: Published: Sat, 09 Feb 2019 08:44 AM (IST)Updated: Sat, 09 Feb 2019 08:44 AM (IST)
हिमाचल: मनाली में बर्फीला तूफान, लाहुल में हिमखंड का कहर
हिमाचल: मनाली में बर्फीला तूफान, लाहुल में हिमखंड का कहर

मनाली, जेएनएन। पर्यटन नगरी मनाली में भारी बर्फबारी से आम जनजीवन ठप होकर रह गया है। रात 12 बजे से बर्फीला तूफान शुरू हुआ, जिसने काफी तबाही मचाई। बर्फीले तूफान से कई पेड़ गिर गए। इससे मनाली में एक मकान सहित पांच गाड़ियों को काफी नुकसान पहुंचा है। इनमें से

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तीन वाहन (एचपी 02के 1428, एचपी 01के 5707 और एचपी 02के 0383) तो क्षतिग्रस्त हो गए हैं। यह वाहन ब्यास पुल के पास पार्क किए थे। वहीं मनाली के वार्ड एक भजोगी में शुक्रवार सुबह सात बजे घर पर बड़ा पेड़ आ गिरा। हादसे में घर के दो लोग बाल-बाल बच गए। रमेश महाजन ने बताया कि सुबह जब पेड़ गिरा तो वह बरामदे में ही खड़े थे। जोरदार आवाज सुनकर वह अंदर की ओर भागे, जिससे उनकी जान बच गई। पेड़ गिरने से घर के कुछ कमरे, रसोई और बरामदा क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं बर्फबारी से वीरवार देर रात से मनाली सहित आसपास के इलाकों में बिजली गुल हो गई। सुबह 10 बजे से कुछ वाहन कुल्लू की तरफ निकलना शुरू हुए। दोपहर बाद हालांकि हालात सामान्य हो गए, लेकिन सुबह भारी भरकम किराया देकर सैलानी गंतव्य तक पहुंचे। चार पहिया वाहन चालकों ने सैलानियों से मोटी कमाई की। मनाली से बाहर निकलने के लिए तो सैलानियों को मुंह मांगा पैसा देना पड़ा। वहीं जो पर्यटक शुक्रवार को मनाली पहुंचे उन्हें भी होटल तक आने के लिए वाहन चालकों को भारी भरकम किराया देना पड़ा।

इसे लापरवाही कहें या कुदरत का कहर

बर्फबारी से पर्यटन नगरी मनाली में अधिकतर नुकसान पेड़ गिरने से हुआ है। पेड़ गिरने से एक घर को नुकसान पहुंचा, वहीं पांच गाड़ियों को भारी नुकसान हुआ है। वन विभाग ने भी सड़क किनारे कई पेड़ों को चिह्नित किया है, लेकिन अभी कई पेड़ काटना शेष हैं। नेशनल हाईवे निर्माण में जुटी कंपनी की अव्यवस्था का आलम अभी भी जारी है। अधिकतर उन स्थानों में ही पेड़ गिरे हैं, जहां कंपनी ने सड़क चौड़ाई का कार्य किया है। स्थानीय निवासी प्रीतम व विवेक का कहना है कि मनाली से लेकर 15 मील तक कई पेड़ गिरने की कगार पर हैं। वन विभाग मनाली के आरओ हेम राज ने बताया कि खतरा बन पेड़ों को चिह्नित किया गया है। कुछ पेड़ों को छोड़ बाकी काट लिए गए हैं।

सैलानियों से आग्रह है कि वह पर्यटन स्थलों का रुख न करें। सुबह से नगर परिषद मनाली, पीडब्लूडी और बीआरओ के डोजर सड़क बहाली में जुट गए थे। दोपहर बाद सभी सड़कों को यातायात के लिए खोल दिया गया। बर्फबारी से हुए नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। पेड़ गिरने से रमेश महाजन का घर क्षतिग्रस्त हुआ है, जबकि दो गाड़िया पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। पेड़ गिरने से हुए नुकसान की रिपोर्ट जिला मुख्यालय को भेज दी गई है। 

-शमशेर सिंह, तहसीलदार मनाली

रोहतांग दर्रे में तीन फीट तक हुआ हिमपात

रोहतांग दर्रा में तीन फीट तक बर्फबारी हुई। वहीं राहनीनाला में पौने तीन फीट, मढ़ी ढाई फीट, ब्यासनाला, चुबकमोड़ व राहलाफाल दो फीट, गुलाबा, फातरू व अंजनी महादेव में सवा दो फीट, सोलंग व कोठी में दो फीट, पलचान, कुलंग व मझाच में डेढ़ फीट, बरुआ, शनाग, वशिष्ठ व मनाली गांव में सवा फीट, जबकि पर्यटन नगरी मनाली में एक फीट से अधिक ताजा हिमपात हुआ है। लेफ्ट बैंक में मनाली से कुल्लू तक और राइट बैंक में भी मनाली से कुल्लू तक हिमपात हुआ। उधर, लाहुल-स्पीति के कोकसर, नेंनगार, दारचा में तीन फीट, सिसु व जिस्पा में ढाई फीट, उदयपुर, मड़ग्रा, गोंदला, दालंग, मुलिंग, प्यूकर, र्शंटगरी में ढाई फीट और जिला मुख्यालय केलंग में भी ढाई फीट से अधिक हिमपात हुआ है। 

कबायली क्षेत्र में बर्फबारी सब पर भारी

जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति में हुई भारी बर्फबारी से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। जिला मुख्यालय केलंग में ही तीन फीट तक बर्फबारी हुई है। समस्त लाहुल घाटी में तीन से पांच फीट तक हिमपात दर्ज हुआ है। उपमंडल उदयपुर में तीन व म्याड़ घाटी में चार फीट बर्फबारी हुई है।

इससे कई स्थानों में बिजली के पोल व तारें टूट गई हैं। लाहुल घाटी की मुख्य सड़क सिसु-दारचा व तांदी-संसारी मार्ग सहित सभी संपर्क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। बीआरओ ने हाल ही में सभी सड़कों की बहाली शुरू कर रखी थी, लेकिन भारी बर्फबारी ने बीआरओ सहित लाहुल घाटी के लोगों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं। पूरी घाटी में बिजली में गुल है और दूरसंचार व्यवस्था ठप हो गई है।

जिला मुख्यालय के अलावा कहीं भी संपर्क नहीं हो पा रहा है। उपायुक्त अश्वनी कुमार ने बताया कि घाटी में भारी बर्फबारी से जनजीवन प्रभावित हुआ है। कई नालों में हिमखंड गिरने की सूचना है, लेकिन कहीं से भी कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। लोगों को घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। उधर, स्पीति मुख्यालय काजा के एडीसी विक्रम नेगी में बताया कि जनजीवन पटरी से उतर चुका है, लेकिन कहीं से किसी नुकसान की सूचना नहीं है।

हिमखंड गिरने से चिनाब नदी का बहाव रुका

लाहुल घाटी में भारी बर्फबारी होने से जगह-जगह हिमखंड गिर रहे हैं। अधिकतर नालों में हिमखंड गिरे हैं, जिससे चिनाब नदी का बहाव रुक गया है। हिमखंड गिरने से लाहुल घाटी के लोगों की चिंता बढ़ गई है। घाटी में फागली उत्सव ले साथ गाहर वैली में गोची उत्सव की धूम मची है। ऐसे में लोगों को इस गांव से उस गांव में जाना होता है, लेकिन हिमखंड गिरने से उनकी दिक्कतें बढ़ी हैं। गौर रहे कि लाहुल घाटी में बर्फबारी से फरवरी व मार्च में भी अधिक नुकसान हुआ है। तीन मार्च 1979 को भारी बर्फबारी से घाटी के कई स्थानों में हिमखंड गिरे थे। गाढ़ग और हडूक गांव के सभी लोग हिमखंड की चपेट में आए थे।

लाहुल के गोंदला में हिमखंड गिरा चार मजदूर दबे, ग्रामीणों ने बचाए

जिला मुख्यालय केलंग से 15 किलोमीटर दूर लाहुल के गोंदला गांव में शेल्टू के पास वीरवार रात बड़ा हिमखंड गिरने से चार मजदूर उसके नीचे दब गए। इसके अलावा एक महिला मंडल भवन भी क्षतिग्रस्त हो गया है। इस भवन के बाहर खड़ी दो गाड़ियां भी हिमखंड की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गई हैं। आधी रात को जब हिमखंड गिरा तो भवन में नेपाली मूल के एक परिवार के चार लोग सो रहे थे। ग्रामीणों को घटना का पता चला तो वह मौके पर पहुंचे। उनकी मदद से चार लोगों, जिनमें दो बच्चे थे, को सुरक्षित बाहर निकाला गया।  मजदूर काफी समय तक बर्फ में दबे कमरे में फंसे रहे, लेकिन भाग्यशाली रहे कि ग्रामीणों को समय पर पता चल गया।

लाहुल घाटी में हुई भारी बर्फबारी से हिमखंड गिरने की आशंका बढ़ गई है, जिससे लोगो मे भी भय का माहौल है। पंचायत उपप्रधान सूरज ने बताया कि ग्रामीणों ने बड़ी हिम्मत से काम लेते हुए सभी को सुरक्षित निकाला। उपायुक्त लाहुल-स्पीति अश्वनी कुमार चौधरी ने बताया कि चारों लोगों को बचा लिया है। गोंदला महिला मंडल भवन हिमखंड गिरने से क्षतिग्रस्त हो गया है।

आनी में फंसी हिमाचल पथ परिवहन निगम की नौ बसें

जलोड़ी दर्रे, नौनु कंडा, कंडागई, रघुपुर क्षेत्र सहित आनी की ऊंची चोटियों सहित निचले क्षेत्रों में वीरवार को दोबारा हिमपात हुआ है। इससे एचआरटीसी की नौ बसें फंस गई हैं, जबकि सभी ग्रामीण रूट प्रभावित हुए हैं। खंभे टूटने से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। विद्युत मंडल आनी के एक्सईएन आरएस ठाकुर का कहना है कि तारों को जोड़ने का काम शुरू कर दिया गया है। एचआरटीसी के अड्डा इंचार्ज ओम प्रकाश ने बताया कि बर्फ में एचआरटीसी की नौ बसें फंस गई हैं। इनमें दलाश में तीन, जाबो में दो, चवाई में दो, बिशल में एक और कोठी रूट में एक बस फंसी है।

कुल्लू में 67 सड़कें बंद 

दो दिन से हो रही बारिश बर्फबारी से जिला में चार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। जिले में 117 सड़कें बंद हो गई थी, जिसमें ने 50 को खोल दिया गया है। लगवैली के पास भूमतीर में 50 मीटर सड़क बैठ गई है, जिस कारण बड़े वाहनों की आवाजाही बंद हो चुकी है। एक्सईएन पीडब्लयूडी केके शर्मा ने बताया कि 17 जेसीबी सड़कें बहाल करने के कार्य में जुटी हैं। वहीं मनीकर्ण में भूस्खलन से मार्ग बंद हो गया था, जिसे प्रशासन ने खुलवा दिया है। मनाली के मार्ग भी दोपहर तक बहाल कर दिए गए।

दूसरी ओर 850 ट्रांसफार्मर इस बर्फबारी से प्रभावित हुए हैं, जिसमें से 500 को ठीक कर बिजली बहाल कर दी गई है। कई जगह तारें टूटने से बिजली बंद है। जिला में शनिवार को आंगनबाड़ी केंद्र भी बंद रहेंगे। बदले मौसम के कारण 71 पेयजल स्कीमें प्रभावित हुई हैं। हालांकि प्रशासन ने पानी की किसी तरह की समस्या नहीं आने दी है लेकिन अधिक परेशानी पेयजल पाइपों के जम जाने के कारण हो रही है।  

तीर्थन घाटी के 120 गांव दो दिन से अंधेरे में

तीर्थन घाटी में बर्फबारी से बिजली के दो फीडर बंद हो गए हैं, जिससे विभाग को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। घाटी के 120 गांव दो दिन से अंधेरे में हैं। सिधंवा, देयूरी व गुशैणी के बिजली के खंभे की तारें बर्फबारी के कारण टूट गई हैं। हालांकि बर्फबारी को फल व सब्जियों के लिए उत्तम माना जा रहा है। बोर्ड के एक्सईएन सुनील कुमार ने बताया कि विभाग को काफी नुकसान पहुंचा है। तारें टूटने और फीडर बंद होने के चलते बिजली बाधित हो गई है। इस कार्य के लिए ठेकेदार जुट गया है। 

बर्फबारी व बारिश के बाद राहत कार्य जोरों पर जारी हैं। बंद हुए मार्ग खोले जा रहे हैं। बिजली व्यवस्था भी ठीक की जा रही है। शनिवार को आंगनबाड़ी केंद्र भी बंद रहेंगे। लोगों को किसी तरह की  परेशानी नहीं आने दी गई है।

-युनूस, डीसी कुल्लू


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