विभाग की लापरवाही से पुल के लिए आया पैसा वापस
संवाद सहयोगी गुशैणी तीर्थन घाटी के गुशैणी-तीर्थन नदी पर बना 70 साल पुराना पुल विभाग की ल
संवाद सहयोगी, गुशैणी : तीर्थन घाटी के गुशैणी-तीर्थन नदी पर बना 70 साल पुराना पुल विभाग की लापरवाही के कारण जर्जर हालत में है और यह पुल कभी भी गिर सकता है। इस पुल की मरम्मत के लिए आया पैसा विभाग की लापरवाही के कारण वापस हो गया है। यह पुल घाटी की आठ ग्राम पंचायतों का सीधा संपर्क है, लेकिन खस्ताहालत के कारण लोगों को इस पुल से गुजरना खतरे से खाली नहीं है। तीर्थन नदी के ऊपर बना 70 फीट ऊंचा यह पुल ब्रिटिश काल के समय से बना हुआ है और इस पर हर दिन घाटी के सैकड़ों लोगों की आवाजाही होती है।
आलम यह है कि पुल अपनी दयनीय स्थिति पर आंसु बहा रहा है। लेकिन विभाग पिछले काफी वर्षो से इस पुल की मरम्मत करवाने में आनाकानी कर रहा है। जिसके चलते लोगों को इस पुल से गुजरने में हमेशा खतरा सताता रहता है। घाटी के टेक राम, सेस राम, लाल दास, कर्मचंद, नोये राम, प्रेम सिंह, नरोत्तम राम, हरी सिंह, जीवन लाल, गुम्मत राम, फूला देवी, खूब राम, प्यारे राम सहित अन्य लोगों का कहना है कि विभाग काफी वर्षो से इस पुल के स्थान पर नया पुल बनाने की बात कर रहा है। लेकिन पुल बनाने का कार्य इतने वर्षो में अधर में ही लटका हुआ है।
ग्रामीणों ने बताया कि 2012-13 में पुल की मरम्मत के लिए स्वीकृत हुआ। लेकिन विभाग की लापरवाही से यह पैसा वापस सरकार के खाते में चला गया है। घाटी के लोगों के अनुसार शीघ्र ही सीजन शुरू होने वाला है और इसी पुल से घाटी के किसान-बागवानों की नगदी फसल मटर, गोभी, लहसुन सब्जी मंडियों तक पहुंचेगा लेकिन पुल के जर्जर हालत के कारण लोगों को हादसे का खौफ सता रहा है।