कुल्लू दशहरा, छह फीसद बढ़ा देवताओं का नजराना
सात दिनों तक कुल्लू के ढालुपर में वातावरण देवमय हो गया था जहां पर आज एकाएक सुना पडऩे लगा है।
कुल्लू, संवाद सहयोगी। अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के देव समागम में आने वाले जिला भर के देवी-देवताओं का नजराना छह फीसद बढ़ा दिया गया है। यह ऐलान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शनिवार को कुल्लू दशहरा उत्सव के समापन समारोह पर किया। उन्होंने यहां के गैर मुआफीदार देवताओं की पूजा-अर्चना के लिए भी 12 हजार रुपये प्रति वर्ष देने की घोषणा की।
शनिवार दोपहर को जिला मुख्यालय कुल्लू में ढालपुर स्थित कलाकेंद्र से मेले के समापन की घोषणा करते हुए सीएम ने कहा कि घाटी का यह देव समागम सफल रहा, जिसमें आने वाले सैकड़ों देवी-देवताओं का सभी को आदर-सत्कार करना चाहिए। उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की कि हमें देव संस्कृति नहीं भूलनी चाहिए, अपने खान-पान, रहन-सहन व रीति-रिवाज को हमेशा याद रखें। जो लोग अपनी सभ्यता व संस्कृति को भुलाते हैं, वे समाप्त हो जाते हैं।
जनता का पैसा लग रहा एम्स में
मुख्यमंत्री ने बिलासपुर में बनने जा रहे एम्स को लेकर भाजपा के दुष्प्रचार पर टिप्पणी की कि यदि मैंने इसके लिए अपनी निजी नहीं दी तो क्या, प्रदेश सरकार ने तो सैकड़ों बीघा भूमि दी है। एम्स के निर्माण पर जो पैसा खर्च हो रहा है, वह भी केंद्र के किसी मंत्री या प्रधानमंत्री का नहीं, बल्कि देश की सरकार व जनता का पैसा है। जिला कुल्लू में अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के अंतिम दिन ढालपुर से आधे देवी देवता रवाना होने शुरू हो गए हैं। सनद रहे कि कुल्लू दशहरा उत्सव में ढाई सौ देवी देवताओं ने इस बार दशहरा उत्सव में भाग लिया।
सुबह से ही रघुनाथ मंदिर में देवी देवताओं सहित लोगों को जमावड़ा लगा हुआ है। देवता भगवान रघुनाथ का आशीर्वाद लेकर अपने देवालय की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। सात दिनों तक कुल्लू के ढालुपर में वातावरण देवमय हो गया था जहां पर आज एकाएक सुना पडऩे लगा है। लोगों की चहल कदमी भी कम होने लगी जिससे देख कुल्लू की रौनक घटने लगी है।
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