भगवान नृसिंह की शाही जलेब में खूब नाच रहे देवता व देवलु
संवाद सहयोगी कुल्लू अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के 5वें दिन वीरवार को भगवान नृसिंह की पार
संवाद सहयोगी, कुल्लू : अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के 5वें दिन वीरवार को भगवान नृसिंह की पारंपरिक जलेब पूरे लाव-लश्कर के साथ निकली। ढालपुर मैदान स्थित राजा की चानणी से शुरू हुई जलेब में सैंज घाटी के रैला के देवता लक्ष्मी नारायण ने भाग लिया। भगवान की इस जलेब में पालकी के इर्द-गिर्द देवलु आगे बढ़ते हुए और नाचते-गाते हुए कलाकेंद्र, रथ मैदान और ढालपुर से होते हुए दोबारा राजा की चानणी में पहुंचे।
सोने-चांदी से सजे भगवान लक्ष्मी नारायण का देवरथ और ढोल-नगाड़ों की स्वर लहरियों के बीच निकली जलेब आकर्षण का केंद्र रही। जलेब में आगे नृसिंह की घोड़ी और पीछे देवलुओं के साथ गीतों पर थिरकते हुए भगवान लक्ष्मी नारायण के देवरथ से पूरा वातावरण देवमय हो उठा। इस दौरान भगवान रघुनाथ जी के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने पालकी में अस्थायी शिविर से होते हुए रथ मैदान, ढालपुर होकर फिर शिविर तक की परिक्रमा की। राजसी ठाठ के साथ निकली इस जलेब में देवलु जमकर नाचे और भगवान की इस जलेब को देखने के लिए भी लोगों में काफी उत्साह दिखा। मोहल्ले के नाम से प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के छठे दिन शुक्रवार को जलेब के आखिरी दिन उत्सव में भाग ले रहे सभी देवी-देवता भगवान रघुनाथ जी के शिविर में शीश नवाकर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएंगे। हालांकि इस बार कोरोना महामारी के कारण देवी-देवताओं की उपस्थिति पुष्प के माध्यम से होगी। हर साल देवसमागम में उपस्थित सभी देवी-देवता आपस में मिलते थे और इंसान को भी आपसी प्रेम का संदेश देते थे। हर साल हजारों लोग गवाह बनते थे, लेकिन इस साल कुछ ही लोग इस मौके पर मौजूद होंगे। मोहल्ले की रात्रि में भगवान रघुनाथ जी के शिविर में शक्ति पूजन होगा।