बढ़ते कचरे की समस्या के समाधान को लेकर हुआ मंथन
मनाली मंगलवार को पर्यटन नगरी मनाली में कचरा प्रबंधन पर एक दिवसीय कार्यशा
जागरण संवाददाता, मनाली : मंगलवार को पर्यटन नगरी मनाली में कचरा प्रबंधन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। गोविद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत् विकास संस्थान हिमाचल क्षेत्रीय केंद्र मोहल द्वारा आयोजित कार्यशाला में लोगों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। कार्यशाला में संस्थान एवं ग्रामीणों ने एकजुट होकर बढ़ते कचरे की समस्या के निदान पर चर्चा की। संस्थान के वैज्ञानिक प्रभारी डॉ. एसएस सामंत ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सामुदायिक संचालित कचरा प्रबंधन स्वच्छ भारत मिशन की दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि ठोस कचरे का समाधान चंडीगढ़ के रॉक गार्डन में बने ट्रेस और ट्रीजर की तर्ज पर मनाली के पार्क में भी बनाये जा सकते हैं। अपशिष्ट पदार्थ नहीं अपितु संसाधन है, जिसका दोबारा उपयोग कर रोजगार के साधन जुड़ सकते हैं। गीला और सूखे कूड़े को अलग अलग कूड़ेदान में डालना चाहिए। कचरों को फैंकने की बजाये इसका पुन: उपयोग किया जा सकता है। जिससे कि पर्यावरण भी संतुलित होगा। वहीं उन्होंने पेड़ लगाने के महत्व और पर्यावरण संतुलन में इसके योगदान बारे भी बताया। सामन्त ने जैविक खेती के लाभ बारे भी बताया। लाहुल के तोद घाटी में सीबकथोर्न (छरमा) के उपयोग के बारे और इसके गुण के बारे विस्तृत जानकारी दी और पांगी में पाए जाने वाली गुणात्मक थांगी की विशेषता भी बताई। वहीं ठोस और प्लास्टिक के कचरों को दुबारा उपयोग में लाकर रोजगार के साधन भी जुटा सकते हैं। इस मौके पर होटलियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप ठाकुर ने भी अपने विचार रखे। मनाली के होटलियर्स सहित नगर परिषद की अध्यक्ष नीना ठाकुर, टैक्सी यूनियन, व्यापार मंडल सहित पर्यटन से जुड़े अन्य व्यवसाय भी शामिल हुए।