जिला कारागार में कैदियों को बताए मानवाधिकार
भारत के प्रत्येक नागरिक के अधिकार है तो उसी तरक कैदियों के लिए भी विशेषधिकार है। कैदियों का सबसे पहला अधिकार तो यह है कि वह जान सकता है कि उसे किस जुर्म में गिरफ्तार किया गया है।
संवाद सहयोगी, कुल्लू : भारत के प्रत्येक नागरिक के अधिकार है। उसी तरह कैदियों के लिए भी विशेषाधिकार हैं। कैदियों का सबसे पहला अधिकार तो यह है कि वह जान सकता है कि उसे किस जुर्म में गिरफ्तार किया है। कैदी को गिरफ्तार होने की तारीख तथा समय जानने का भी पूरा अधिकार है तथा जो पुलिस वाला उसे गिरफ्तार कर रहा है, वह कौन है, किस पद पर कार्यरत है, क्या नाम है, तथा उसके बाद उस कैदी को वकील करने का भी पूरा अधिकार है। यह बात मंगलवार को मानवाधिकार दिवस पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, एवं चेयरमैन जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण पुरेंद्र वैद्य ने कैदियों से कहे।
उन्होंने कहा कि 10 दिसंबर को प्रत्येक साल मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। सभी को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए। उन्होंने जिला कारागार कुल्लू में कैदियों को जानकारी देते हुए बताया कि कैदी को 24 घंटे के भीतर कोर्ट में पेश किया जाता है तथा कैदी को जमानत करने के लिए वकील करने का पूरा अधिकार है। अगर कैदी को वकील नहीं मिलता तो उसे सरकारी वकील भी मिल सकता है। महिलाओं को तो वैसे भी मुफ्त कानूनी सहायता के दायरे में आने से अपने केस में वकील मिल जाएगा। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि किसी भी आदमी की जिदगी या किसी भी आदमी की स्वतंत्रता छीनी नहीं जा सकती है। कैदियों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक होना बहुत आवश्यक है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुरेंद्र वैद्य के निर्देशानुसार राजकीय औद्यौगिक प्रशिक्षण संस्थान जिला कुल्लू में अधिवक्ता धमेंद्र शर्मा व हीरा चौधरी ने भी छात्र-छात्राओं को मानवाधिकार दिवस के उपर महत्वपूर्ण जानकारियां दी।