चीन सीमा से सटे गांवों में मिली इंटरनेट सुविधा
जसवंत ठाकुर केलंग चीन की सीमा से सटे हिमाचल के गांवों में भी अब फोन की घंटियां बजने लग
जसवंत ठाकुर, केलंग
चीन की सीमा से सटे हिमाचल के गांवों में भी अब फोन की घंटियां बजने लगी हैं। हालांकि बीएसएनएल ने स्पीति और किन्नौर के कुछ खास व सुदूर इलाकों में वर्षो पहले सेवाएं देनी शुरू कर दी थीं, लेकिन अधिकतर हिस्सों के लिए मोबाइल फोन सुविधा अभी तक एक सपना ही था। इंटरनेट तो लोगों के सपनों में भी नहीं आता था।
प्राइवेट टेलीकॉम कंपनी जिओ के प्रवेश के साथ ही लोगों को वह मिला है जिसकी वे कल्पना भी नहीं कर सकते थे। धीरे-धीरे सीमावर्ती गांव में फोन सुविधा के साथ इंटरनेट भी फर्राटे से दौड़ना शुरू हो गया है। अब कंपनी ने सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील समदो के साथ लगते हुरलिंग में भी सेवा शुरू कर दी है।
कोरोना के बीच बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है, लेकिन इस गांव में नेटवर्क न होने से उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही थी। समदो में तो नेटवर्क है, लेकिन साथ के क्षेत्रों में यह सुविधा न होने से ग्रामीणों सहित सेना का जवानों को भी दिक्कत होती थी। अब जिओ कंपनी द्वारा टावर लगा देने से सभी को राहत मिली है।
हुरलिग के सभी ग्रामीणों ने जिओ टावर लगने पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय जिओ टीम के उच्च अधिकारी अतुल माने, स्पीति प्रशासन सहित टीएसी सदस्य राजेंद्र बौद्ध, पालजोर बौद्ध व लोबसांग गलसन का आभार जताया है।
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अब लग सकेंगी ऑनलाइन कक्षाएं
उपप्रधान नोरबू बौद्ध, महिला मंडल प्रधान देचेन डोलमा युवक मंडल प्रधान थूकतन बौद्ध ने बताया कि जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति के कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां आज भी नेटवर्क सुविधा नहीं है। हुरलिग गांव भी कई दशकों से मोबाइल फोन नेटवर्क सुविधा का इंतजार कर रहा था। अब मोबाइल फोन नेटवर्क आने से ऑनलाइन क्लास गांव में ही शुरू हो गई है। पहले बच्चे ऑनलाइन क्लास लगाने के लिए सुबह आठ बजे घर से निकलते हैं और शाम को पांच बजे ही कर पहुंचते थे। मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय ने जनता को नेटवर्क सुविधा देने का वादा किया था जो पूरा भी किया।