पहली बार अटल टनल से गुजरा सेना का काफिला
जागरण संवाददाता मनाली लेह-लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों सहित अटल टनल रोहतांग भारतीय सेना के
जागरण संवाददाता, मनाली : लेह-लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों सहित अटल टनल रोहतांग भारतीय सेना के लिए लाइफलाइन बन गई है। तीन अक्टूबर को लोकार्पण के बाद हालांकि सेना के इक्का-दुक्का वाहन टनल से आर-पार हुए, लेकिन बुधवार को पहली बार सेना का काफिला सुरंग से गुजरा। यह पहला अवसर था जब सेना के जवानों को न तो ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ा और न ही मनाली के पलचान ट्रांजिट कैंप में रुकना पड़ा।
अटल टनल से पहले सेना का काफिला एक दिन के लिए पलचान में रुकता था, लेकिन अब सीधे लेह का रुख कर रहे हैं। पहली बार भारी संख्या में वाहन सेना के जवानों के लिए रसद लेकर लेह-लद्दाख रवाना हुए। इससे पहले सेना के वाहन रोहतांग होते हुए लेह रवाना होते थे। रोहतांग की सर्पीली सड़कें व ट्रैफिक जाम उनकी राह रोकते थे। बुधवार को सेना का काफिला ढाई घंटे के भीतर ही केलंग से आगे जा निकला। अटल टनल से लगभग चार घंटे समय की भी बचत हुई है। टनल बन जाने से अब सेना के काफिले को मनाली में रात्रि ठहराव की भी जरूरत नहीं रही है। गैस, पेट्रोल व डीजल टैंकरों के अलावा सभी वाहनों की आवाजाही अटल टनल से शुरू हो गई है।