पर्यटकों की आवभगत के लिए तैयार नहीं होमस्टे संचालक
सरकार ने प्रदेश में कुछ शर्तो के साथ पर्यटन स्थलों को खोलने का फैसला किया है लेकिन होम स्टे संचालक पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार नहीं हैं।
सपना शर्मा, सैंज
सरकार ने प्रदेश में कुछ शर्तो के साथ पर्यटन स्थलों को खोलने का फैसला किया है, लेकिन आम जनता इस फैसले के पक्ष में नहीं दिख रही है। सैंज घाटी के लोगों ने सरकार के इस फैसले का प्रत्यक्ष रूप से तो विरोध नहीं किया है, लेकिन पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों ने इस कठिन दौर में कारोबार शुरू न करने का फैसला लेकर जता दिया है कि कोरोना महामारी के खतरे के बीच वो व्यवसाय शुरू नहीं करना चाहते।
सैंज घाटी के धाउगी, बनोगी, सुचैहण, शांघड़, मनुमंदिर शैंशर व रैला आदि क्षेत्रों में हर वर्ष पर्यटक आते हैं। इन क्षेत्रों में इक्का-दुक्का सरकारी रेस्ट हाउस के अलावा स्थानीय लोगों द्वारा होम स्टे संचालित किए जाते हैं। मौजूदा समय में कोरोना के खौफ से लोगों ने बाहरी लोगों के आने-जाने पर प्रशासन से पूर्ण पाबंदी लगाने का आग्रह किया है। बीते दिनों जिभी व तीर्थन वैली एसोसिएशन ने होटलों को न खोलने का फैसला लिया था। इसे स्थानीय लोगों ने भी सराहनीय फैसला करार दिया था। अब सैंजघाटी के शांघड़, देहुरिधार व शैंशर पंचायत के होमस्टे संचालकों ने भी पर्यटन गतिविधियों को शुरू न करने का फैसला लिया है। शांघड़ होमस्टे के संचालक रवि पालसरा ने बताया कि हम कोरोना महामारी के बीच जोखिम उठाकर कारोबार को नहीं करना चाहते। रवि पालसरा के अनुसार शांघड़ में होमस्टे संचालकों ने ऑनलाइन बुकिग को भी रद कर दिया है, ताकि ग्रामीणों को भी महामारी से दूर रखा जा सके।
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सैंज घाटी में पर्यटकों के आने से कोरोना महामारी आने का खतरा है। इस संबंध में आम जनता ने संघर्ष समिति से संपर्क किया है और समिति इसके लिए जल्द जिलाधीश को ज्ञापन सौंपेगी।
-महेश शर्मा, अध्यक्ष सैंज संयुक्त संघर्ष समिति।