मुआवजे के लिए भटक रहे फोरलेन प्रभावित
कमलेश वर्मा कुल्लू नागचला-मनाली फोरलेन की जद में आए कुल्लू जिले के देवधार गांव के छह परि
कमलेश वर्मा, कुल्लू
नागचला-मनाली फोरलेन की जद में आए कुल्लू जिले के देवधार गांव के छह परिवार आशियाने उजड़ने के बाद मुआवजे के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। फोरलेन कटिग की जद में आने से आशियाने उजड़ने का दंश झेल रहे देवधार गांव के प्रभावित मुआवजे के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ), जिला प्रशासन, सरकार के मांग कर रहे हैं, कहीं से भी इन लोगों को राहत नहीं मिल पाई।
प्रभावित जय नारायण शर्मा, ओंकार शर्मा, कमलेश शर्मा, विक्रम शर्मा, सुनील व सूची शर्मा का कहना है कि आशियाने उजड़ने के बाद पांच साल बीत जाने पर भी उन्हें मुआवजा नहीं मिल पाया है। सभी प्रभावित मुआवजे के लिए सरकारी कार्यालयों, एनएचएआइ व सरकार से मांग कर चुके हैं, लेकिन इतना समय बीत जाने पर भी उन्हें मुआवजे के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिल पाए हैं। कोई तो समझे हमारा दर्द : प्रभावित
प्रभावितों का कहना है कि खून-पसीने की कमाई से बनाए आशियानों को उजड़ने का दर्द क्या होता है इसको कोई नहीं समझ सकता है। अपनी जिंदगीभर की कमाई से बनाए सपनों के आशियाने उजड़ने का गम सहने के साथ ही आज उन्हें अपने ही घरों से बेघर होकर किराए के घरों में रहना पड़ रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से शीघ्र ही प्रभावितों को मुआवजा देने की मांग की है, ताकि वह कुछ राहत ले सकें और अपना आगे का जीवन सुख से जी सकें। फोरलेन निर्माण कार्य से हिमाचल के कई लोगों के आशियाने उजड़ गए हैं। कई लोगों की भूमि व घर फोरलेन की जद में आए हैं। उनमें से कुछ प्रभावितों को मुआवजा नहीं मिलना एक बहुत बड़ा गंभीर मुद्दा है। इसको लेकर कोई पालिसी बनाई जानी चाहिए, ताकि प्रभावितों को राहत मिल सके।
-ब्रजेश महंत, अध्यक्ष फोरलेन संघर्ष समिति। जिला प्रशासन की ओर से सरकार को पत्राचार कर एनएचएआइ से इन प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने की अनुशंसा की गई है। अभी मामला सरकार के स्तर पर लंबित है।
-आशुतोष गर्ग, उपायुक्त कुल्लू।