छात्रवृत्ति गबन मामले में उपनिदेशक से जवाब तलब
शिक्षा विभाग कुल्लू में हुए कथित छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर निदेशक ने संज्ञा न लिया है।
संवाद सहयोगी, कुल्लू : शिक्षा विभाग कुल्लू में हुए कथित छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर निदेशक ने संज्ञान लिया है। निदेशालय ने उपनिदेशक कुल्लू को पत्र लिखकर मामले पर जबाव तलब किया है।
शिक्षा विभाग दैनिक जागरण में 13 व 14 सितंबर के अंक में प्रकाशित समाचारों के बाद हरकत में आया है। विभाग ने पत्र लिखकर कुल्लू कार्यालय से वर्ष 2011 से अब तक दी गई छात्रवृत्ति की पूरी जानकारी मांगी है।
आरोप है कि विभाग के एक अधिकारी ने छात्रवृत्ति की 21 लाख रुपये की रकम चेक के माध्यम से अपने खाते में जमा करवा ली। उक्त अधिकारी ने छह बार चेक के माध्यम से खाते में यह राशि जमा करवाई। दैनिक जागरण में मामला प्रकाशित होने के बाद उक्त अधिकारी मामले को दबाने के लिए हर प्रयास कर रहा है। शुक्रवार को आरोपित अधिकारी के कार्यालय में आकर सात लाख रुपये सरकारी खाते में जमा करने की बात भी सामने आई है।
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आठ साल बाद छात्रवृत्ति देने पर भी सवाल :
हैरानी की बात है कि उच्च शिक्षा विभाग के कुल्लू कार्यालय ने 2011 से 2018 तक की करीब एक करोड़ 23 लाख रुपये की छात्रवृत्ति राशि इसी माह जारी की है। आठ साल की छात्रवृत्ति एक साथ देने पर सवाल उठ रहे हैं। इससे पूर्व यह राशि क्यों नहीं बांटी गई? इसके पीछे भी अधिकारियों के गोलमाल की बात सामने आ रही है।
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12 वर्ष से नहीं हुआ ऑडिट :
शिक्षा विभाग के कुछ अफसरों की लापरवाही का खामियाजा आज अन्य को भी भुगतना पड़ सकता है। अधिकारियों का कहना है उच्च शिक्षा विभाग के कुल्लू कार्यालय में करीब 12 वर्ष से ऑडिट ही नहीं हुआ है। अगर समय रहते ऑडिट होता तो शायद इस तरह के घोटाले न होते। कुल्लू में अधिकारियों ने आडिट करने की मांग भी की है।
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शिक्षा विभाग के कुल्लू कार्यालय में छात्रवृत्ति गबन मामले में जांच करने के आदेश दिए हैं। इसमें संलिप्त अधिकारी की जांच होगी और अगर पैसा जमा भी होता है तो भी जांच के दौरान दर्शाई गई तिथि का पता चल जाएगा।
-डॉ. अमरदेव, निदेशक, उच्च शिक्षा विभाग, शिमला।