रघुनाथ जी के दर में फूल से लगेगी देवी-देवताओं की हाजिरी
संवाद सहयोगी कुल्लू अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में इस बार न तो धूंबल नाग देवता आएंगे और न
संवाद सहयोगी, कुल्लू : अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में इस बार न तो धूंबल नाग देवता आएंगे और न ही आनी निरमंड से देवी-देवता। इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते दशहरा उत्सव का सीमित आयोजन किया जा रहा है। दशहरा उत्सव में देवता तो नहीं आएंगे, लेकिन देवी-देवताओं के रूप में उनके स्वरूप में फूल भगवान रघुनाथ जी के पास हाजिरी भरेंगे। इसमें कितने देवी-देवताओं के कारदार आते हैं यह तो बाद की बात है। हालांकि ढालपुर में रघुनाथ जी के अस्थायी शिविर में पहुंचने वाले कारदारों का रजिस्टर पर नाम दर्ज होगा।
अब हर वर्ष धीरे-धीरे दशहरा उत्सव का स्वरूप बदलता जा रहा है। इस वर्ष तो कोरोना महामारी ने दशहरा उत्सव की झलकियां ही गायब करवा दी हैं। सात दिन तक कुल्लू के ढालपुर मैदान में लोगों की भीड़ दिखाई देती थी जो इस बार नहीं होगी। इतना ही नहीं दशहरा उत्सव में देश विदेश से लोग संस्कृति को निहारने के लिए आते थे इस वर्ष नहीं आ पाएंगे। कुल्लू का इतिहास को जानने के लिए अब अगले वर्ष इस अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव को याद किया जाएगा।
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बनने लगा रघुनाथ जी का रथ
ढालपुर के रथ मैदान में भगवान रघुनाथ जी के रथ को तैयार करने का कार्य आरंभ हो गया है। ऐसे में अब शुक्रवार से दशहरा उत्सव को लेकर प्रशासनिक अमला भी सजग हो गया है। बाहर से हर आने जाने वालों की कड़ी पूछताछ की जाएगी। अगर दशहरा उत्सव स्थल तक लोग पहुंच जाएंगे तो उन्हें रथ की डोर स्पर्श करने से रोकना बेहद कठिन होगा। हालांकि प्रशासन द्वारा रथ यात्रा को लाइव दिखाने का निर्णय लिया गया है। ऐसे में इस बार घर बैठे ही लाइव रथ यात्रा का लुप्त उठाना होगा।
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भीड़ नियंत्रित करते हैं धूंबल नाग
दशहरा उत्सव में देवता नाग धूंबल का अहम रोल रहता है। हर दशहरा उत्सव में भीड़ हटाने में अहम रोल अदा करता है। लेकिन इस बार धूंबल नाग देवता रथयात्रा में भाग नहीं ले पाएंगे। इसके लिए दशहरा उत्सव कमेटी द्वारा सात ही देवी-देवताओं के आने का निर्णय लिया गया है। इसमें किसी भी देवता को निमंत्रण नहीं भेजा गया है। जब देवता के आने की इच्छा होगा तो उसे रोका नहीं जा सकता है। ऐसे में देवताओं की संख्या बढ़ सकती है।
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देवलु करवा रहे कोरोना जांच
कुल्लू के क्षेत्रीय अस्पताल में अब प्रतिदिन देवताओं के साथ आने वाले कारकून व देवलुओं के काविड-19 के टेस्ट किए जा रहे हैं। दशहरा उत्सव को लेकर प्रशासन सजग है और कोरोना का एक भी मामला कई लोगों की जिदंगी को बदलाव कर देगा। इसके लिए प्रशासन की ओर से कड़े नियम बनाए गए हैं। बिना कोरोना अेस्ट के न तो रथ की डोर स्पर्श कर पाएंगे और न ही देवताओं के साथ भाग ले पाएंगे।