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Kullu News: ओलावृष्टि से सेब की फसल को नुकसान, बागवानों की बढ़ी चिंता

Kullu News ओलावृ्ष्टि से पहाड़ों पर भी भारी नुकसान हुआ है। कुल्लू जिले के आनी उपमंडल में बुधवार को ओलावृष्टि से भारी नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है। देर शाम को हुई ओलावृष्टि से आनी के बागवानों को आर्थिक नुकसान हुआ है।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghPublished: Thu, 30 Mar 2023 08:17 AM (IST)Updated: Thu, 30 Mar 2023 08:17 AM (IST)
ओलावृष्टि से सेब की फसल को नुकसान

कुल्लू, जागरण संवाददाता। कुल्लू जिले के आनी उपमंडल में बुधवार को ओलावृष्टि से भारी नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है। देर शाम को हुई ओलावृष्टि से आनी के बागवानों को आर्थिक नुकसान हुआ है।

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आनी उपमंडल के चवाई और जावन वैली में ओलावृष्टि से अधिक नुकसान का अनुमान है। कई जगहों पर एंटी हेलनेट के फटने से बांस टूट गए हैं कुछ जगहों पर सेब की टहनियां टूट गई है। बुधवार देर शाम को बारिश के बाद एकाएक ओलावृष्टि शुरू हो गई। हालांकि ओलावृष्टि से जितना नुकसान हुआ, इतना बागवानों ने सोचा नहीं था।

मौसम के बदलाव के कारण फसल हुई बर्बाद

निचले इलाकों में इन दिनों सेब के पौधों में फ्लावरिंग हो रही है। मौसम के बदलाव के कारण इंड होने से इस बार फसल के कम होने का डर सता रहा है। जबकि ऊंचाई पर फ्लावरिंग शुरू होने से पहले ही अचानक हुई बारिश से पैदा हुई ठंड और बाद में ओलावृष्टि के कारण फसल तबाह हो गई है।

बाग के मालिकों के उतरे चेहरे

इससे पूर्व 26 मार्च को भी आनी और निरमंड के कुछ क्षेत्रों में हिमपात और ओलावृष्टि हुई है। इससे बागवानों को खासा नुकसान हुआ है। अब एक बार फिर से ओलावृष्टि होने के कारण बाग के मालिक परेशान है। इसका पता सुबह चलेगा। उधर बागवानी विशेषज्ञों ने ओला प्रभावित क्षेत्र में 72 घंटों के बाद दवाओं का छिड़काव करने की सलाह दी है।

आलू की बुवाई में जुटे किसान

बरोट। लगभग एक सप्ताह तक बारिश होने के बाद अब चौहार घाटी में किसान आलू की बुवाई करने में जुट गए हैं। बारिश के कारण आलू की बुवाई के लिए बेशक कुछ दिन की देरी हुई है, पहले मार्च के पहले सप्ताह में बुवाई का कार्य पूरा हो जाता था। किसान पांच क्विंटल से बीस क्विंटल तक आलू के बीज की बुवाई करते हैं। यह आलू जून-जुलाई माह तक तैयार हो जाता है।

बरोट के आलू की है ये खासियत

बरोट का आलू काफी प्रसिद्ध है और बड़ी कंपनियों में चिप्स बनाने के साथ-साथ बीज के काम भी आता है। घाटी के किसान रामसरन,गुलाब सिंह, भादर सिंह, श्याम सिंह, प्रभु राम, बहादुर सिंह, देवी सिंह, अनिल कुमार , रमेश कुमार पे बताया कि अगर आगे भी इसी तरह मौसम साफ रहा और बारिश भी समय पर होती रहे तो इस बार आलू की पैदाइश अच्छी हो सकती है।


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