Coronavirus: हिमाचल की स्पीति घाटी में पर्यटकों की एंट्री पर लगी रोक, तीन दिन में होटल छोड़ने को कहा
Coronavirus कोरोना वायरस के ख़ौफ़ के कारण प्रशासन ने स्पीति घाटी से पर्यटकों को तीन दिन के भीतर चले जाने की हिदायत दी है।
मनाली, जेएनएन। कोरोना वायरस के ख़ौफ़ के कारण प्रशासन ने स्पीति घाटी से पर्यटकों को तीन दिन के भीतर चले जाने की हिदायत दी है। प्रशासन के आदेश के बाद स्पीति घाटी सैलानियों से वीरान होने लगी है। सैलानियो ने वापसी की राह पकड़ ली है। हालांकि, रोहतांग बहाली के बाद ही लाहुल घाटी में बाहरी लोगों की आवाजाही शुरू होगी, लेकिन स्पीति घाटी बाया किन्नौर होते हुए शिमला से जुड़ी हुई है। वन्य प्राणी प्रेमी इन दिनों स्पीति घाटी में डेरा डाले हुए थे, जिससे पर्यटन कारोबार भी बेहतर चल रहा था। लेकिन अब स्पीति का पर्यटन भी कोरोना वायरस की भेंट चढ़ गया है।
31 मार्च तक स्पीति घाटी के किसी भी होटल और होम स्टे में पर्यटकों को नहीं ठहराया जाएगा। नेपाल से आने वाले मजदूरों पर भी फिलहाल स्पीती आने और रोक लगा दी है। स्पीति के पर्यटन कारोबारी रिगजिन, सोनम, सोहन व टशी ने बताया कोरोना वायरस के डर से स्थानीय लोग भी पर्यटन कारोबार को कुछ समय के लिए बंद करने को तैयार हैं। उन्होंने बताया कि पिछले कल रविवार को इस सिलसिले में काजा मठ, होटल कारोबारी, होमस्टे संचालक और स्थानीय पंचायत की बैठक हुई, जिसमें सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है।
काजा होटल एसोसिएशन के महासचिव नरेंद्र राणा, काजा पंचायत प्रधान और जिप सदस्य ने बताया कि कोरोना वायरस के तेजी से पांव पसारने के बाद एहतियातन यह कदम उठाया गया है। राणा ने कहा हालांकि इस निर्णय से पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों को भारी आर्थिक नुकसान होगा। होटल निर्माण के लिए लोगों ने बैंकों से कर्ज ले रखा है। लेकिन जब मामला स्वास्थ्य और इंसानी जिंदगी से जुड़ा है तो इसके लिए आर्थिक नुकसान उठाने में कोई दिक्कत नहीं है। पंचायत प्रधान ने कहा कि जो पर्यटक अभी काजा में ठहरे हैं, उन्हें अब घाटी से बाहर भेजा जा रहा है तथा सैलानी खुद भी काजा से बाहर जाने लगे है। एसडीएम काजा जीवन सिंह नेगी ने बताया कि प्रशासन जनता को जागरूक कर रहा है।