नहीं बदलना पड़ेगा ब्यास का बहाव, न बनेगा ओवरब्रिज
मुकेश मेहरा, कुल्लू भुंतर हवाई अड्डे की पट्टी के विस्तार के लिए अब सीधी बनाने की बजाय
मुकेश मेहरा, कुल्लू
भुंतर हवाई अड्डे की पट्टी के विस्तार के लिए अब सीधी बनाने की बजाय थोड़ा मोड़ने की योजना जिला प्रशासन ने बनाई है। अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी व डीसी कुल्लू सहित अन्य सदस्यों ने मंगलवार को हवाई पट्टी का निरीक्षण किया। हालांकि पहले पट्टी को सीधे आगे बढ़ाने और ब्यास नदी के बहाव को मोड़ने सहित ओवरब्रिज बनाने की योजना थी। अब प्रशासन ने यह तय किया है कि इस हवाई पट्टी पर शाढाबाई के पास थोड़ा का मोड़ा जाए। रन-वे भी पूरा बनेगा और ब्यास नदी भी साथ-साथ ही बहेगी। ऐसे में इसका एक प्रस्ताव तैयार कर अब केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, जहां से मंजूरी मिलती ही इस पर काम होगा।
पहले भुंतर एयरपोर्ट की पट्टी के विस्तार के लिए ब्यास नदी को मोड़ने और यहां पर ब्रिज बनाने का प्रस्ताव था। इसके बाद मंगलवार को हुए दौरे में जो सर्वेक्षण टीम ने किया है उसमें यह तय किया गया है कि इस पट्टी को हल्का सा मोड़ा जाएगा। क्योंकि पहले जो रिपोर्ट गइ थी उसके आधार पर आइआइटी रुड़की की टीम ने जो सर्वे किया था उसमें 84 करोड़ रुपये तकनीक कार्यों पर खर्च होने थे व 350 करोड़ रुपये जमीन के लिए लगने थे। ऐसे में अब इस पट्टी को शाढाबाई के पास मोड़ने के निर्णय से यह पैसा तो बचेगा ही साथ ही ब्यास नदी से भी छेड़छाड़ नहीं होगी। दो दिन में इसकी रिपोर्ट डीसी कुल्लू के माध्यम से सरकार को भेजी जाएगी।
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मोड़ देने में यह आएगी अड़चन
अगर सर्वेक्षण के अनुसार हवाई पट्टी को मोड़ा जाता है तो इसमें सामने दिख रहे पहाड़ दिक्कत कर सकते हैं। क्योंकि लैंड करने के लिए हवाई जहाज के सामने का एरिया में कुछ नहीं होना चाहिए। ऐसे में एयरपोर्ट अथॉरिटी से भी इस बात की एनओसी ली जाएगी कि मोड़ देने के बाद जो सामने पहाड़ दिख रहे हैं उससे कोई परेशानी लैं¨डग के लिए न हो।
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600 मीटर बढ़ेगी हवाई पट्टी
70 सीटर हवाई जहाज को उतरने के लिए लगभग डेढ़ किलोमीटर की हवाई पट्टी नियमों के अनुसार होना जरूरी होती है, लेकिन भुंतर हवाई अड्डे की पट्टी 1064 मीटर है। ऐसे में इसके 600 मीटर तक बढ़ाने की योजना है। अगर शाढाबाई के पास इसमें मोड़ दिया जाता है तो 600 मीटर के इस कार्य को कोई दिक्कत नहीं होगी।
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कम हो जाएगा किराया
अगर 600 मीटर पट्टी बढ़ाई जाती है तो भुंतर एयरपोर्ट आने वाले 70 सीटर हवाई जहाज की सभी सीटें भरी हुई आएंगी तथा ऐसे में किराया भी कम होगा। अभी लगभग 35 से 36 सीटें ही आती हैं तथा किराया डबल लोगों को चुकाना पड़ता है।
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मंगलवार को हुए सर्वेक्षण में भुंतर हवाई अड्डे की पट्टी को हल्का सा मोड़ देने पर विचार किया जा रहा है। इसकी रिपोर्ट एक दो दिन में सरकार को भेज दी जाएगी।
यूनुस, डीसी कुल्लू।