जिभी बैसाखी मेले में हुए देवमिलन के दर्शन
जिभी बैसाखी मेले का गढ़पति मूल शेषनाग के साथ माता बूढ़ी नागिन व पझारी दे
संवाद सूत्र, बंजार : जिभी बैसाखी मेले के शनिवार को हुए समापन में देव मिलन के दर्शन हुए। गढ़पति मूल शेषनाग, पझारी देवता व लटोड़ा देवता के भव्य देवमिलन के सैकड़ो लोग गवाह बने। समापन समारोह की रस्में बाहू के देवता पझारी ने निभाई। इस मेले में भलाग्राम के लटोड़ा देवता भी शरीक हुए। यह मेला हर वर्ष बैसाख संक्रांति से शेषनाग के सम्मान में मनाया जाता है। बंजार क्षेत्र की जिभी घाटी के अधिष्ठाता देवता गढ़पति मूल शेषनाग बैसाख संक्रांति की पूर्व संध्या पर अपने निवास स्थान चेऊंट कोठी से जिभी मंदिर को अपने पूरे लाव लश्कर के साथ आते हैं जहां पूरी रात हारियाणुओं व श्रद्धालुओं द्वारा उनके समक्ष जागरण किया जाता है। इन सात दिनों में बैसाख संक्रांति से हर दिन अलग अलग क्षेत्रों के हारियाणु गढ़पति मूल शेषनाग के मंदिर में विशेष पूजा अर्चना होती है। शेषनाग अपने रथ पर सवार होकर देवक्रीड़ा करते हुए इस नाटी में देवनृत्य हैं, जिसके तहत बैसाख संक्रांति को सभी क्षेत्रों के लोग अपनी उपस्थिति दर्ज करते हैं।