बर्फीले तूफान से फिर बाधित हुआ रोहतांग दर्रा, पैदल मनाली पहुंचे 18 लोग
बर्फीले तूफान के कारण रोहतांग दर्रे की सड़क बाधित हो गई है जिसकी वजह से 18 लोगों ने पैदल ही दर्रा पार करना पड़ा।
मनाली, जेएनएन। राहनीनाला के पास बर्फीले तूफान से एक बार फिर रोहतांग दर्रे में सड़क बाधित हो गई। शनिवार रात से बर्फीला तूफान चलने से दर्रे पर वाहनों की आवाजाही अभी संभव नहीं लग रही है। रोहतांग दर्रा बहाल होने पर लोग लाहुल का रुख कर सकेंगे। रविवार को दर्रे की बहाली की उम्मीद लिए 18 लोग आए लेकिन बर्फीले तूफान सड़क मार्ग बंद होने से उन्हें पैदल आना पड़ा।
रविवार को लाहुल की ओर से यात्रियों ने पैदल ही कदमताल करने का फैसला लिया। सुबह एक सूमो और एक जिप्सी में सवार 18 लोगों को रोहतांग दर्रा के करीब बचाव दल के साथ मनाली के लिए छोड़ा गया। मढ़ी स्तिथ बचाव चौकी की टीम यात्रियों की सुरक्षा के मध्यनजर रोहतांग के करीब पहुंची। सड़क पर बर्फ की मोटी परत को देख यात्रियों ने पैदल ही रोहतांग से नीचे उतरने का फैसला लिया।
वाहन चालक दावा ने बताया कि लाहुल से पैदल दर्रा पार करने वाले यात्रियों को मनाली तक लाने के लिए राहनीनाला तक जिप्सी लेकर आ रहा था लेकिन गुलाबा बैरियर पर रोक दिया गया। यात्री केसर, अमर, कुंगा ने बताया कि कोकसर से रोहतांग तक गाड़ियां चलने से रोहतांग की उतराई में आसानी से हुई। मनाली से उन्होंने जिप्सी मंगवाई थी लेकिन गुलाबा से आगे नहीं छोड़ने पर राहला से उतरकर कोठी तक पैदल चलना पड़ा।
काफी मशक्कत के बाद वे मनाली पहुंच पाए। बचाव चौकी के प्रभारी पवन ठाकुर और शशिपाल ने बताया कि रेस्क्यू पोस्ट स्थापित होने के बाद रविवार को 18 लोगों बचाव टीम की मदद से रोहतांग दर्रा पार कर मनाली पहुंचे।
कल से फिर बारिश-बर्फबारी के आसार
प्रदेश में इन दिनों धूप खिलने के बावजूद कुछ स्थानों पर न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे चल रहा है। केलंग, कल्पा और मनाली का न्यूनतम तापमान माइनस में पहुंचा गया है। रविवार को सबसे कम तापमान केलंग में -9.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। प्रदेश में दिनभर धूप खिली रही, लेकिन अधिकतम तापमान में एक से दो डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई। ऐसे में सुबह और शाम कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
मौसम विभाग ने दस दिसंबर से प्रदेश में मौसम में बदलाव आने की संभावना जताई है। मंगलवार से ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश हो सकती है। बर्फबारी और वर्षा का क्रम 14 दिसंबर तक जारी रह सकता है। वहीं 12 दिसंबर को अधिकतर उच्च व मध्यम पर्वतीय क्षेत्रों में हिमपात के साथ बारिश होगी। इसके कारण ठंड और प्रचंड होगी।