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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर देश को मिल सकता है ये खास तोहफा

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्‍छा है कि रोहतांग सुरंग का शुभारंभ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्मदिवस के शुभ अवसर पर हो।

By Babita kashyapEdited By: Published: Fri, 06 Sep 2019 09:08 AM (IST)Updated: Fri, 06 Sep 2019 09:08 AM (IST)
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर देश को मिल सकता है ये खास तोहफा

मनाली, जेएनएन। पीर पंजाल की पहाड़ियों को भेदकर बनाई जा रही रोहतांग सुरंग अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्मदिवस यानी 25 दिसंबर को देश को समर्पित की जा सकती है। समुद्रतल से करीब 11500 फीट की ऊंचाई पर बन रही विश्व की सबसे लंबी रोहतांग सुरंग का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। बीआरओ की मानें तो हालांकि अभी बहुत काम शेष है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि सुरंग को दिसंबर में यातायात के लिए खोल दिया जाएगा।

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मील का पत्थर साबित होगी ये सुरंग

यह सुरंग जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति के  लोगों तथा भारतीय सेना के लिए मील का पत्थर साबित होगी। 8.8 किमी लंबी सुरंग का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। सेरी नाले के पानी का रिसाव होने के चलते निर्धारित लक्ष्य से पांच साल देरी से बनकर तैयार हो रही टनल की लागत 1400 करोड़ से बढ़कर 4000 करोड़ पहुंच चुकी है। ऐसे में सदियों से सर्दी में बर्फ में कैद होने वाले लाहुल घाटी के लोगों को आजादी मिल जाएगी। यह सुरंग पीरपंजाल की पहाडिय़ों को भेदकर बनाई गई है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2002 में रोहतांग सुरंग को बनाने वाली सड़क का शिलान्यास किया था, जबकि जून 2010 में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रोहतांग सुरंग का शिलान्यास किया था। निर्धारित लक्ष्य से पांच साल देरी से बनकर तैयार हो रही टनल की लागत भी 1400 करोड़ से बढ़कर 4000 करोड़ पहुंच गई। टनल का निर्माण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की देखरेख में एफकॉन-स्ट्राबेग ज्वाइंट वेंचर कंपनी कर रही है।

जानें कब हुई थी टनल बनाने की घोषणा 

टनल का निर्माण बीआरओ की देखरेख में एफकॉन-स्ट्राबॉग कंपनी कर रही है जबकि समेक कंपनी डिजाइनिंग में भूमिका निभा रही है। अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जून 2000 में टनल बनाने की घोषणा व मई 2002 में रोहतांग टनल तक बनने वाली सड़क का शिलान्यास किया था। विशेष सेवा मेडल प्राप्त बीआरओ रोहतांग सुरंग के चीफ इंजीनियर ब्रिगेडियर केपी पुरुसोथमन ने बताया कि रोहतांग सुरंग का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। सुरंग के करीब 3500 फीट ऊपर सेरी नाला बहता है, जिसका पानी टनल के भीतर रिस रहा है। कंपनी और बीआरओ को लंबे समय तक दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। हालात सामान्य होने से कार्य को गति मिली है। हालांकि अभी बहुत कार्य शेष है, लेकिन सुरंग दिसंबर तक देश को समर्पित कर दी जाएगी। बर्फबारी, माइनस तापमान और हिमखंड जैसी कई चुनौतियों ने रोहतांग सुरंग निर्माण कंपनी और बीआरओ की अग्निपरीक्षा ली, लेकिन सेरी नाले का पानी सबसे बड़ी चुनौती रही।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोहतांग सुरंग का शुभारंभ करने की इच्छा जाहिर की है। सरकार भी प्रयास कर रही है कि इस टनल का शुभारंभ पूर्व प्रधानमंत्री की जयंती पर ही किया जाए।

-जयराम ठाकुर, मुख्यमंत्री

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