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कल्पना के इस काम पर पहले खूब हंसते थे लोग, अब देश ही नहीं विदेश ने भी सराहा

लाहुल की रहने वाली 45 वर्षीय कल्पना ठाकुर पिछले 22 सालों से प्लास्टिक कचरे से आभूषणों समेत सजावटी सामान तैयार करती हैं।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 10:06 AM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 10:06 AM (IST)
कल्पना के इस काम पर पहले खूब हंसते थे लोग, अब देश ही नहीं विदेश ने भी सराहा
कल्पना के इस काम पर पहले खूब हंसते थे लोग, अब देश ही नहीं विदेश ने भी सराहा

मनाली, जसवंत ठाकुर। प्लास्टिक कचरा न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि इसका निस्तारण भी बड़ी समस्या है। लेकिन मनाली निवासी कल्पना ठाकुर अपने तरीके से न केवल प्लास्टिक कचरे को ठिकाने लगा रही हैं, बल्कि इससे होने वाली कमाई से जरूरतमंदों की मदद भी करती हैं। कल्पना प्लास्टिक (पॉलीथीन) से आभूषणों समेत सजावटी सामान तैयार करती हैं। वह 22 साल से इस काम में लगी हैं। 

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इस कार्य के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर भी कल्पना की तारीफ कर चुके हैं। मूलत: लाहुल की रहने वाली 45 वर्षीय कल्पना ठाकुर ठोस कचरा विशेषकर प्लास्टिक को दोबारा उपयोग में लाकर इसकी खूबसूरत कलाकृतियां तैयार करती हैं। वह लोगों को भी इसके दोबारा इस्तेमाल के लिए जागरूक कर रही हैं। मनाली में कल्पना की कला का हर कोई दीवाना है। इस कार्य के चलते कल्पना ठाकुर को 2015 में हिमाचल एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया था। उन्होंने मनाली में पर्यावरण संरक्षण के लिए एक स्वयंसेवी संस्था (एनजीओ) का भी गठन किया है।

वह देश-विदेश में पर्यावरण संरक्षण व घर के कचरे को पुन: प्रयोग के लिए जागरूक करती हैं। चीन की एक संस्था ने कल्पना को ग्रीन लेडी के खिताब से नवाजा था। पति प्रेम ठाकुर की मदद से कल्पना प्लास्टिक कचरे से घर का सजावटी सामान बनाकर पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रही हैं। कल्पना ठाकुर मनाली में पति प्रेम ठाकुर के साथ होटल चलाती हैं। उन्होंने होटल में वेस्ट मैटीरियल से बनाई कई सजावटी वस्तुएं रखी हैं। 

पहले हंसते थे लोग, अब करते हैं तारीफ

जब मुझे प्लास्टिक से पर्यावरण को पहुंचने वाली हानि की बात समझ आई तो मैंने इसका समाधान निकलना शुरू किया। जहां भी पॉलीथीन या प्लास्टिक की बोतल मिलती थी मैं उसे घर ले आती थी। जब भी मैं कहीं भी पड़ी हुई बोतल व कचरा उठाती थी तो लोग मुझे पर हंसते थे। शुरुआती दिनों में घर वाले भी परेशान रहे, लेकिन मेरे पर्यावरण प्रेम को देखते हुए उन्होंने सहयोग करना शुरू किया। पति के सहयोग से मैंने प्लास्टिक बोतल व पॉलीथीन से सजावटी सामान बनाना शुरू किया। अब लोग मुझ पर हंसते नहीं बल्कि मेरी तारीफ करते हैं। 

सामान से मिलने वाले पैसों से करती है जरूरतमंदों की मदद

कल्पना ठाकुर 1997 से प्लास्टिक इकट्ठा कर उसका दोबारा इस्तेमाल कर रही हैं। वेस्ट मैटीरियल से वह लैंप शेड, टोकरियां, फूलदान और टूटी हुई चूड़ियों से सजावट की बहुत सी  चीजें और प्लास्टिक से आभूषण बनाती हैं। वह इन वस्तुओं को बेचकर मिलने वाले पैसे से जरूरतमंदों की मदद करती हैं। वह लोगों को वेस्ट मैटीरियल से काम की चीजें बनाना भी सिखा रही हैं।


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