जानिये कैसे भेड़ बकरियां चराने वाले हिमाचल के इस लाल ने विदेश में बनाई अपनी पहचान
विदेशों में योग गुरु के रूप में पहचान बना चुके महेंद्र शर्मा अब तक मलेशिया सिंगापुर वियतनाम कंबोडिया इंग्लैंड व स्कॉटलैंड में करीब दो लाख लोगों को योग सिखा चुके हैं।
शाहपुर, आशीष पटियाल। पसीने की स्याही से लिखे पन्ने कभी कोरे नहीं होते...जो करते हैं मेहनत उनके सपने अधूरे नहीं होते। यह शब्द शाहपुर हलके के गांव रेहलू निवासी महेंद्र शर्मा पर सटीक बैठते हैं। भेड़ बकरियां चराकर तो कभी होटलों में काम कर पेट पालने वाला शाहपुर का लाल आज काबिलियत के बल पर विदेशों में योग गुरु के रूप में पहचान बनाए हुए है।
बकौल महेंद्र शर्मा, अब तक वह मलेशिया, सिंगापुर, वियतनाम, कंबोडिया, इंग्लैंड व स्कॉटलैंड में करीब दो लाख लोगों को योग सिखा चुके हैं। अब वह जर्मनी व स्पेन सहित अन्य देशों में योग शिविर लगाने जा रहे हैं। बड़ी बात यह है कि महेंद्र शर्मा योग के साथ-साथ विदेशों में हिंदी भाषा का प्रचार भी कर रहे हैं। अब वह हिमाचल आकर लोगों को योग शिक्षा व इसके महत्व से रूबरू करवाना चाहते हैं। बकौल महेंद्र, उन्होंने योग की शुरुआत वर्ष 2012 में की थी।
इससे पहले वे भेड़-बकरियों को चराते थे और इसके बाद गोवा में एक होटल में काम करने चले गए। इस दौरान वहां आए कुछ विदेशियों ने उन्हें योग करने की सलाह दी। उनका कहना मानकर वह स्थानीय योग गुरु महेंद्र प्रसाद से मिले। महेंद्र प्रसाद ने उन्हें दो साल तक नि:शुल्क योग सिखाया तथा वित्तीय मदद भी की। योग सिखाने के बाद वह 2014 में वियतनाम चले गए और वहां काफी लोग उनसे योग सीखने के लिए आने लगे। इसके बाद अन्य देशों से भी निमंत्रण मिलने शुरू हो गए। अब तक करीब दो लाख लोगों को योग सिखा चुके हैं। महेंद्र शर्मा इस बात से संतुष्ट हैं कि वह भारत की प्राचीन पद्धति योग को विदेशों में पहुंचा रहे हैं। उनका कहना है कि विदेशों में योग के प्रति लोगों का काफी रुझान बढ़ा है और वे आसनों को जल्द सीख लेते हैं।