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Year Ender 2019: हिमाचल में 94 हजार लोगों काे मिला मुफ्त उपचार, अब 60 टेस्‍ट होंगे फ्री

yearender2019 वर्ष 2019 स्वास्थ्य क्षेत्र में उपलब्धियों और गिने-चुने विवादों के लिए याद किया जाएगा।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 23 Dec 2019 11:37 AM (IST)Updated: Mon, 23 Dec 2019 11:43 AM (IST)
Year Ender 2019: हिमाचल में 94 हजार लोगों काे मिला मुफ्त उपचार, अब 60 टेस्‍ट होंगे फ्री
Year Ender 2019: हिमाचल में 94 हजार लोगों काे मिला मुफ्त उपचार, अब 60 टेस्‍ट होंगे फ्री

शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। वर्ष 2019 स्वास्थ्य क्षेत्र में उपलब्धियों और गिने-चुने विवादों के लिए याद किया जाएगा। जो लोग आर्थिक तंगी से उपचार करवाने में मुश्किल झेल रहे थे, उन्हें स्वास्थ्य बीमा योजना से सहारा मिला। केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत व हिमाचल सरकार की हिमकेयर योजना ऐसे लोगों के लिए वरदान बनी। इन दोनों स्वास्थ्य बीमा योजनाओं से इस वर्ष 94 हजार लोगों का मुफ्त उपचार हुआ और इस पर करीब 90 करोड़ रुपये खर्च हुए।

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हिमकेयर में एक हजार रुपये में सालाना पांच लाख रुपये प्रति परिवार स्वास्थ्य बीमा का प्रावधान हुआ। वहीं, आयुष्मान भारत योजना में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य बीमा का प्रावधान किया गया। इस वर्ष गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए सहारा योजना भी शुरू की गई। इस योजना में जिनकी आय सालाना चार लाख रुपये से कम है, गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं और किसी पेंशन योजना के दायरे में नहीं आते हैं, उन्हें प्रति माह आर्थिक मदद के तौर पर दो हजार रुपये मिलने शुरू हुए। अब तक 1500 मरीजों को सहारा योजना का लाभ मिला।

पहली बार मुफ्त किडनी ट्रांसप्लांट

हिमाचल में पहली बार इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) एवं अस्पताल शिमला में एम्स के डॉक्टरों की मदद से मुफ्त किडनी ट्रांसप्लांट सुविधा शुरू हुई। रोहड़ू, मंडी और कांगड़ा के मरीजों की किडनी ट्रांसप्लांट की गई। परिवार के सदस्यों द्वारा किडनी देने के लिए तैयार होने के बावजूद चार से पांच लाख रुपये के खर्च के कारण लोग किडनी ट्रांसप्लांट नहीं करवा पा रहे थे। आइजीएमसी में बेरियाट्रिक (मोटापा कम करने के लिए) सर्जरी की गई। इस सर्जरी से 107 किलो के मरीज का वजन कम किया गया।

चार्जशीट हुए डॉक्टर, दवा खरीद पर उठे सवाल

प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी कंपनी विशेष के उपकरण खरीदने का दबाव डालने पर डॉक्टरों को चार्जशीट किया गया। आइजीएमसी के ऑर्थो विभाग के तीन डॉक्टरों को कंपनी विशेष के उपकरणों को खरीदने के लिए दबाव डालने पर चार्जशीट किया गया। वहीं, स्वास्थ्य विभाग को बिना बताए विदेश और बड़े अस्पतालों में नौकरी करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई। इसके परिणामस्वरूप 75 लाख रुपये बांड राशि सरकारी खजाने में वापस आई। इसके अलावा अस्पतालों में दवा खरीद को लेकर सवाल उठे। बॉयोमिट्रिक मशीनों की खरीद को लेकर जांच के आदेश दिए गए। इसमें महंगी मशीनें खरीदने के तथ्य सामने आए।

हिमाचल में इस साल खुले व स्तरोन्नत स्वास्थ्य संस्थान

स्वास्थ्य उपकेंद्र, 05

पीएचसी, 02

पीएचसी से अपग्रेड, 02

सीएचसी से अपग्रेड सिविल अस्पताल, 03

स्वास्थ्य विभाग में पद

पदनाम,सृजित,भरे,रिक्त,कुल

चिकित्सा अधिकारी,163,431,319,2408

वार्ड सिस्टर,41,25,134,652

स्टाफ नर्स,197,360,893,3509

एमएचडब्ल्यू,16,80,1407,2066

एफएचडब्ल्यू,00,01,704,2286

फार्मासिस्ट,29,344,277,1190

ओटीए,30,235,156,275

लैब सहायक,00,134,103,308

क्लर्क,21,27,74,620

कनिष्ठ कार्यालय सहायक,14,27,129,306

अगले साल मुफ्त होंगे हर नागरिक के 55 से 60 टेस्ट

मेडिकल कॉलेजों व स्वास्थ्य संस्थानों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किया जाएगा। हर नागरिक के 55 से 60 टेस्ट निशुल्क होंगे और इस योजना को वर्ष 2020 में पायलट आधार पर कुल्लू से शुरू किया जाएगा। इसके बाद पूरे प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य की निशुल्क जांच होगी जिससे समय पर बीमारी का पता चल सके। इसके अलावा तीन माह की गर्भवती महिलाओं को चेकअप के लिए अस्पताल ले जाने व वापस घर छोडऩे के लिए मुफ्त एंबुलेंस की सुविधा मिलेगी।  -आरडी धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य

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