सवा लाख कर्मी दे चुके विकल्प अधिकतर को संशोधित वेतनमान
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में बुधवार को चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य के 1.91 लाख सरकारी कर्मचारियों में से 1.20 लाख ने संशोधित वेतनमान के लिए विकल्प दे दिया है। इनमें से 1.09 लाख को संशोधित वेतनमान मिल भी चुका है।
शिमला,राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में बुधवार को चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य के 1.91 लाख सरकारी कर्मचारियों में से 1.20 लाख ने संशोधित वेतनमान के लिए विकल्प दे दिया है। इनमें से 1.09 लाख को संशोधित वेतनमान मिल भी चुका है। कर्मचारी संशोधित वेतनमान को लेकर भ्रमित हैं क्योंकि कांग्रेस गलत प्रचार कह रही। सरकार ने चार वर्ष में निर्धारित सीमा से 5384 करोड़ कम कर्ज लिया है।
इस पर मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी कांग्रेस व माकपा विधायक ने सदन में नारेबाजी की व वाकआउट किया। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री को कई बार टोका और ऋण लेने की सीमा को बढ़ाए जाने पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा। विपक्ष का आरोप था कि बजट में आम आदमी के हितों की अनदेखी की गई है तथा राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम (एफआरबीएम) में संशोधन करने के निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार कर्ज के सहारे ही आगे बढ़ेगी।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष में आयुर्वेदिक चिकित्सकों के 200 व आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट के 199 पद भरे जाएंगे। विधायक प्राथमिकता के तहत सुरंगों के निर्माण होगा। उन्होंने कांग्रेस विधायक सुखङ्क्षवदर सिंह सुक्खू के हिमाचल के हितों को बेचने के आरोपों को सिरे से नकार दिया और कहा कि सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएन एल) में हिमाचल सरकार की हिस्सेदारी है। कर्ज की सारी सीमाएं लांघने वाले कर्ज को लेकर गलत तथ्य दे रहे हैं।
सच का सामना करने की हिम्मत नहीं
जयराम ने वाकआउट की ङ्क्षनदा की और कहा कि विपक्ष में सच का सामने करने की हिम्मत नहीं है। कर्मचारियों के हितैषी बनते हैं, लेकिन पंजाब में पांच हजार करोड़ की महंगाई भत्ते की किस्त नहीं दी। बजट में वृद्धि दर तथ्यों पर आधारित है। अभी तक प्रदेश पर 62,200 करोड़ रुपये का कर्ज हो चुका है। आगामी वित्त वर्ष के दौरान 70 हजार करोड़ रुपये से कम कर्ज रहेगा। विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है।
बजट पर चर्चा 17 घंटे 30 मिनट चली
सीएम ने कहा कि बजट पर सामान्य चर्चा 17 घंटे 30 मिनट तक चली, जिसमें पर 49 सदस्यों ने भाग लिया। भाजपा के 25, कांग्रेस के 22 व माकपा के एक व एक निर्दलीय विधायक इसमें शामिल हुए। विपक्ष ने औपचारिकता निभाई है। मेधावियों को जल्द लैपटाप मिलने शुरू हो जाएंगे।
एनपीएस के लिए बहुत कुछ किया
सीएम ने कहा कि नई पेंशन योजना (एनपीएस) कर्मियों के लिए सरकार ने बहुत कुछ किया है। सरकारी अंशदान को 10 से 14 प्रतिशत किया। करुणामूलक आधार पर नौकरी के लिए आंदोलनरत लोग आएं, उनसे बात करेंगे। चतुर्थ श्रेणी के पदों लिए आवेदन करेंगे तो उन्हें नौकरी मिलेगी।
छह बार के मुख्यमंत्री ठीक थे, पर उनसे गलत करवाया
जयराम ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने लोगों के हितों को बेचने में कोई कसर नहीं छोड़ी। छह बार के मुख्यमंत्री ठीक थे, पर उनसे गलत करवाया गया। आज भुगत रहे हैं और तथ्यों को देखना नहीं चाहते।