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डमटाल में आटा उद्योग से हो रहा पर्यावरण प्रभावित

औद्योगिक क्षेत्र डमटाल में एक आटा मिल में पर्यावरण संरक्षण के नियमों को दरकिनार करते हुए काम किया जा रहा है। उद्योग प्रबंधन ने यहां न तो श्रमिकों के लिए धूल से बचने के लिए कोई प्रबंध किए हैं और न ही पर्यावरण की दृष्टि से कुछ किया है।

By Richa RanaEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 04:17 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 04:17 PM (IST)
डमटाल में आटा उद्योग से हो रहा पर्यावरण प्रभावित
डमटाल में एक आटा मिल में पर्यावरण संरक्षण के नियमों को दरकिनार करते हुए काम किया जा रहा है।

ढांगूपीर, जेएनएन। औद्योगिक क्षेत्र डमटाल में एक आटा मिल में पर्यावरण संरक्षण के नियमों को दरकिनार करते हुए काम किया जा रहा है। उक्त उद्योग प्रबंधन ने यहां न तो अपने श्रमिकों के लिए धूल से बचने के लिए न कोई प्रबंध किए हैं और न ही पर्यावरण की दृष्टि से कुछ किया है।

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लाखों रुपये कमाने के चक्कर में लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। उद्योग के साथ लगते घरों के लोग भी परेशान हैं। उनका कहना है कि आटा मिल से निकलने वाली धूल से हमारे घरों में इतनी धूल जम जाती है कि हमारे लिए बहुत ही मुश्किल हो रही है आए दिन कोई ना कोई उडऩे वाले गर्दे से हमारे घर के अंदर तक इतनी धूल जम जाती है कि उसे रोजाना दिन में तीन चार बार झाड़ू से साफ सफाई करनी पड़ती है।

शकुंतला देवी का कहना है कि इस मिल से निकलने वाली धूल से मुझे सांस लेने में दिक्कत हो गई है। प्रदेश सरकार से आग्रह है कि इस समस्या ने हमें निजात दिलाई जाए।

जगदीश चंद ने कहा कि धूल से हमारा जीना हराम हो गया है। अगर कपड़े धोकर सूखने डालें तो उनमें भी धूल जम जाती है। अगर हमारी समस्या का समाधान नहीं किया तो हम समस्त मोहल्ला द्वारा उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।

चंद्र रानी ने बताया कि हमारे घर में आटे का इतना गर्दा हो जाता है कि हमें हर घंटे बाद सफाई करनी पड़ती है। रोजमर्रा उपयोग में प्रयोग होने वाली वस्तुएं खराब हो रही हैं।

ज्‍योति शर्मा ने कहा कि आटा उद्योग से इतनी भयंकर ध्वनि प्रदूषण और कचरा निकलता है कि हमारा जीना दुश्वार हो गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से निवेदन है कि इस मुसीबत से राहत दिलाई जाए।

हिमाचल प्रदेश के उद्योग के चैयरमैन ने मनोहर धीमान ने बताया कि वैसे तो उद्योग मालिक सरकारी नियमों की पालना कर रहे हैं, लेकिन हम जल्दी एक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम भेजकर जांच करवाएंगे। लोगों कि सेहत से खिलवाड़ किसी भी सूरत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक अभियंता वरुण गुप्ता का कहना है कि इसके बारे में अभी सूचना मिली है। हमारी टीम उक्त उद्योग का प्राथमिकता से निरीक्षण करेगी। अगर कमी पाई जाती है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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