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पर्यटन स्थलों में कोरोना के बाद मौसम की मार, कारोबार बेहाल, नाममात्र पहुंच रहे सैलानी

कोरोना संकट के बाद अब मौसम की पर्यटन उद्योग पर मार पड़ी है। धर्मशाला और मैक्लोडगंज सहित आसपास के क्षेत्रों में अब नाममात्र पर्यटक आ रहे हैं। 12 जुलाई को भागसूनाग में आई बाढ़ के बाद वीकेंड पर भी 20 फीसद कमरों की भी बुकिंग नहीं हो पा रही है।

By Virender KumarEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 08:13 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 08:13 PM (IST)
पर्यटन स्थलों में कोरोना के बाद मौसम की मार, कारोबार बेहाल, नाममात्र पहुंच रहे सैलानी
पर्यटकों की कमी से सूना भागसूनाग बाजार। जागरण

धर्मशाला, संवाद सहयोगी। कोरोना संकट के बाद अब मौसम की पर्यटन उद्योग पर मार पड़ी है। धर्मशाला और मैक्लोडगंज सहित आसपास के क्षेत्रों में अब नाममात्र पर्यटक आ रहे हैं। आलम यह है कि 12 जुलाई को भागसूनाग में आई बाढ़ और उसके बाद से बारिश का सिलसिला जारी रहने व जिला प्रशासन की ओर अलर्ट जारी किए जाने के बाद अब तो वीकेंड पर भी 20 फीसद कमरों की भी बुङ्क्षकग नहीं हो पा रही है। यह हाल केवल निजी होटलों का ही नहीं बल्कि हिमाचल पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के होटलों का भी है। धर्मशाला में तो निगम के होटल बिलकुल सूने पड़े हैं। हालांकि मैक्लोडगंज और भागसूनाग के होटलों में भी इक्का-दुक्का ही कमरे बुक हैं। एचपीटीडीसी के अधिकारी भी यही मानकर चल रहे हैं कि वीकेंड पर भी 10 से 15 फीसद ही कमरे बुक होंगे।

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मिनी ल्हासा के नाम से मशहूर मैक्लोडगंज के साथ धर्मशाला, पालमपुर सहित जिले के विभिन्न क्षेत्रों के होटलियर केवल अन्य राज्यों से आने वाले पर्यटकों पर ही निर्भर हैं। पर्यटकों से न केवल होटल संचालक कमाई करते हैं, बल्कि इनमें काम करने वाले कर्मचारियों के साथ अन्य लोग भी किसी न किसी रूप से उन पर निर्भर हैं। बरसात शुरू होने के बाद से जिले में पर्यटन कारोबार पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। यहां तक कि मैक्लोडगंज व भागसूनाग के बाजार भी सुनसान पड़े हैं।

भागसूनाग में बाढ़ आने के बाद इंटरनेट मीडिया पर गए एक गलत संदेश के कारण जुलाई ही नहीं अगस्त माह तक की बुङ्क्षकग रद हो गई है। अब तो पर्यटन आनलाइन भी संपर्क नहीं साध रहे हैं। हालांकि अपने स्तर पर एसोसिएशन इस दिशा में पर्यटकों को जागरूक करने का प्रयास करेगी कि बरसात के मौसम में खड्डों व नाले उफान पर हो जाते हैं, जिसका भागसूनाग व मैक्लोडगंज से कोई भी लेना-देना नहीं है।

-अश्वनी बांबा, अध्यक्ष होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन धर्मशाला

कोरोना संकट के बाद अब सबकुछ खुल गया है तो भागसूनाग में जलभराव होने और इंटरनेट मीडिया पर गलत संदेश जाने के बाद मैक्लोडगंज की तरफ कोई भी पर्यटक रुख नहीं कर रहा है। इससे पर्यटन कारोबार पूर्णतया ठप होकर रह गया है। पहले वीकेंड पर उम्मीद रहती थी कि 60 से 70 फीसद तक कमरे बुक होंगे, लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं हो रहा है।

-विवेक महाजन, महासचिव होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन धर्मशाला

अभी तक मैक्लोडगंज में पर्यटन कारोबार पूरी तरह से बंद पड़ा है। अब स्वतंत्रता दिवस आने वाला है तो उससे कुछ उम्मीद जरूर है। कोरोना महामारी आने के बाद बरसात दूसरा कारण बनी है जब पर्यटन कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।

-संजीव गांधी, महासचिव होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन धर्मशाला स्मार्ट सिटी

ये होटलियरों के लिए ही नहीं बल्कि पर्यटन कारोबार से जुड़े सभी लोगों के लिए ङ्क्षचता का विषय है। इस दिशा में सभी को एकजुट होकर पर्यटकों को फिर से आकर्षित करना पड़ेगा। तभी मैक्लोडगंज सहित अन्य स्थानों में पर्यटन कारोबार पटरी पर लौट सकेगा।

-विशाल नैहरिया, प्रवक्ता होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन धर्मशाला स्मार्ट सिटी।

पर्यटन कारोबार पूरी तरह से बरसात के कारण प्रभावित हुआ है। अब तो वीकेंड में भी 10 से 15 फीसद तक होटलों के कमरे बुक नहीं हो रहे हैं। धर्मशाला कैंपस में तो मौजूदा समय में सभी कमरे खाली हैं। अब सभी को वीकेंड से उम्मीद है।

-केडी वर्मा, सहायक महाप्रबंधक एचपीटीडीसी धर्मशाला


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