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साधना में लीन हुए बिना साधु के वस्त्र पहनना छलावा : दलाईलामा

जागरण संवाददाता धर्मशाला धर्मगुरु दलाईलामा ने ऑनलाइन टीचिग के दौरान सोमवार को जकार्ता व्

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2020 09:33 PM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2020 06:21 AM (IST)
साधना में लीन हुए बिना साधु के 
वस्त्र पहनना छलावा : दलाईलामा
साधना में लीन हुए बिना साधु के वस्त्र पहनना छलावा : दलाईलामा

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : धर्मगुरु दलाईलामा ने ऑनलाइन टीचिग के दौरान सोमवार को जकार्ता व्हाइट तारा बौद्ध केंद्र के विद्यार्थियों को धार्मिक ज्ञान दिया। इस दौरान उन्होंने कहा, स्वस्थ जीवन के लिए साधना जरूरी है। साधु के वस्त्र पहनकर लोगों को धार्मिक होने का दिखावा करना सिर्फ छलावा है।

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बकौल दलाईलामा, वह एक वृद्ध बौद्ध भिक्षु हैं, लेकिन सुबह उठते हैं तो पहले बौद्धच्चिता और शून्यता पर विचार करते हैं। उसके बाद हर रोज योग व साधना करते हैं। धर्मगुरु ने कहा, वह देख सकते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने कुछ प्रगति की है। विद्यार्थियों से कहा कि आपके देश में इस्लाम के कई अनुयायी हैं, लेकिन बोरोबुदुर में स्तूप का अस्तित्व इस बात का प्रमाण है कि बौद्ध धर्म एक बार वहां भी फला-फूला है। प्रेम और करुणा, साथ ही सहनशीलता और संतोष की प्रथा इन सभी आध्यात्मिक परंपराओं के लिए सामान्य है। लोग इन परंपराओं और उनकी प्रथाओं को सहायक पाते हैं।


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