स्वच्छ पेयजल के दावे मटमैले पानी के गड्ढे में खुले
आम आदमी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की विभागीय दावे तो किए जाते हैं लेकिन विकास खंड इंदौरा की पंचायत बलीर के गांव समून में ये दावे खोखले होते सिद्ध होते हैं आलम यह है कि उक्त पंचायत में छह गुर्जर परिवार खंड के किनारे गड्ढे नुमा जल स्त्रोत का पानी पीने को मजबूर हैं हालत यह है कि बरसात के दौरान खुले में जे पेयजल स्त्रोत ना केवल मटमै
मुकेश सरमाल, भदरोआ
आम आदमी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए विभाग दावे तो करता है लेकिन विकास खंड इंदौरा की पंचायत बलीर के गांव समून में दावे खोखले सिद्ध होते हैं। आलम यह है कि पंचायत में छह गुर्जर परिवार खड्ड के किनारे गड्ढे नुमा जलस्रोत का पानी पीने के लिए मजबूर हैं। हालत यह है कि बरसात के दौरान खुले में यह पेयजल स्रोत मटमैला हो जाता है।
बलीर पंचायत के लतीफ दीन सहित अन्य लोगों ने बताया कि उनके छह परिवार 40 साल से पंचायत के गांव समूह में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले कई वर्षों से वे संबंधित विभाग से पीने के पानी की व्यवस्था करवाने की गुहार लगाते आ रहे हैं लेकिन उन लोगों की कोई सुनवाई नहीं होती है।
लोगों का कहना है की इस विषय पर उन्होंने प्रशासन को अवगत भी करवाया था लेकिन उसके बावजूद भी प्रशासन ने हमारी सुध नहीं ली है। अगर हमारे परिवार के किसी भी सदस्य को इस मटमैले पानी के कारण कोई बीमारी या क्षति पहुंचती है तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित विभाग की होगी जोकि हमें स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं है।
लोगों का आरोप है कि 40 साल से वह इसी पानी को पीने के लिए मजबूर हैं सरकार के नुमाइंदे बस चुनाव के समय ही आश्वासन देते हैं लेकिन उसके बाद कोई भी काम नहीं करते ।
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मामला मेरे ध्यान में है और जल्द इन लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवा दिया जाएगा।
-प्रदीप चड्ढा, अधिशाषी अभियंता, आइपीएच विभाग, इंदौरा।
------------------ टेंडर हो चुके हैं, जल्द ही बलीर पंचायत में पाइपलाइन बिछाने का कार्य शुरू हो जाएगा। ताकि लोगों को स्वच्छ पानी मुहैया हो सके और दिक्कत का सामना न करना पड़्रे।
-राजेंद्र सनोरिया, सहायक अभियंता, आइपीएच विभाग।