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शिमला की कच्‍चीघाटी में तोड़े जाएंगे असुरक्षित भवन, नगर निगम प्रशासन ने जारी किए नोटिस, पढ़ें खबर

Shimla Unsafe Building जिला शिमला के कच्चीघाटी में असुरक्षित हुए भवनों को तोड़ने के लिए निगम प्रशासन ने नोटिस जारी कर दिए हैं। चार भवनों को प्रशासन की ओर से नोटिस जारी किए हैं। इन सभी भवनों के बिजली पानी काटे जाएंगे।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sun, 02 Jan 2022 07:38 AM (IST)Updated: Sun, 02 Jan 2022 07:56 AM (IST)
शिमला की कच्‍चीघाटी में तोड़े जाएंगे असुरक्षित भवन, नगर निगम प्रशासन ने जारी किए नोटिस, पढ़ें खबर
जिला शिमला के कच्चीघाटी में असुरक्षित हुए भवनों को तोड़ने के लिए निगम प्रशासन ने नोटिस जारी कर दिए हैं।

शिमला, जागरण संवाददाता। Shimla Unsafe Building, जिला शिमला के कच्चीघाटी में असुरक्षित हुए भवनों को तोड़ने के लिए निगम प्रशासन ने नोटिस जारी कर दिए हैं। चार भवनों को प्रशासन की ओर से नोटिस जारी किए हैं। इन सभी भवनों के बिजली पानी काटे जाएंगे। इसके साथ ही भवनों में तब तक रहने की अनुमति नहीं होगी, जब तक सरकार के आदेशों के मुताबिक इन्हें मजबूत नहीं किया जाएगा। कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक भवनों को बने पुल को दोबारा से बनाना होगा। झज्जों पर बनी दीवारों व कमरों को भी गिराना होगा। साथ ही जो भवन झज्जों पर कमरे भी बनाए हैं. उन्हें भी तोड़ना होगा। सात मंजिला गिरे भवन के नीचे बने नारायण भवन को कमेटी ने तोड़ने की सिफारिश की है। सरकार ने भी इसके निर्देश जारी किए हैं।

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कच्चीघाटी में भवन गिरने के बाद बनाई गई तकनीकी कमेटी ने इसे भवन निर्माण के लिए पूरी तरह से असुरक्षित पाया है। इस रिपोर्ट में साफ है कि जो भवन गिरने की कगार पर हैं उन्हें बचाने का काम भवन मालिक अपने जोखिम पर कर सकते हैं। अन्य बहुमंजिला भवनों के छज्जों पर बनाई गई दीवारों को भी गिराना होगा। इसके साथ ही भवनों के नींव मजबूत करने के भवन मालिक को ही अपने जोखिम पर ये काम करवाना होगा। राज्य सरकार की ओर ने इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर एक भवन को तोड़ने से लेकर अन्य भवनों को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं।

सितंबर में गिरी थी आठ मंजिला इमारत

कच्चीघाटी में सितंबर में आठ मंजिला इमारत के अचानक गिरने के कारण साथ लगती इमारतों के ढहने का खतरा बन गया था। इस कारण जानमाल के नुकसान की आशंका बनी हुई है। आठ मंजिला इमारत दर्शन काटेज में शिमला के बड़े कारोबारी गुरबचन सिंह और गुरमीत सिंह के परिवार रहते थे। इसके अलावा केआर शर्मा, राजीव सूद, नारायण सिंह और विक्की सूद के परिवार भी रहते थे। सभी परिवारों को सुरक्षित दूसरी जगह पर ठहराया गया है। इस इमारत की चपेट में दोमंजिला इमारत भी आ गई थी। यह मकान निर्मला भवन था। इसके अलावा इमारत के ढहने से दो बहुमंजिला इमारतें भी खतरे की जद में हैं। उनमें से एक हरी पैलेस नामक होटल है। इसके साथ बनी एक अन्य इमारत है। दोनों इमारतों को खाली करवा दिया गया है।

कब क्या हुआ

  • 30 सितंबर की शाम साढ़े पांच बजे 7 मंजिला भवन ढहा
  • भवन ढहने से निचली ओर दो और मकान ढहे
  • 1 अक्टूबर, नगर निगम ने चार और भवन करवाए खाली
  • 2 अक्टूबर, सरकार की ओर से गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने किया निरीक्षण
  • 3 अक्टूबर, नगर निगम ने तकनीकी कमेटी और भू विज्ञानी से जांच करवाने का लिया फैसला
  • 4 अक्टूबर, सचिवालय में शहरी विकास विभाग सचिव ने ली बैठक, शाम को आयुक्त ने जारी किए तोड़ने के आदेश
  • दिसंबर में तकनीकी कमेटी की रिपोर्ट प्रशासन ने सरकार को सौंपी
  • दिसंबर में ही सरकार ने इन भवनों को तोड़ने के निर्देश जारी कर दिए।

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