सपना रह गई सपनों की सुरंग
कृष्ण चंद राणा पागी (चंबा) चंबा जिले के पागी उपमंडल में बनने वाली चैहणी सुरंग का मामला फिर से चर्चा में है।
कृष्ण चंद राणा, पागी (चंबा)
मंडी संसदीय क्षेत्र के तहत चंबा जिले के पागी उपमंडल में बनने वाली चैहणी सुरंग लोगों के लिए सपना बनकर रह गई है। सुरंग बनने से विकास को पंख लगने के साथ चंबा पहुंचना आसान होना था। हर बार चुनाव के समय वादे किए जाते हैं मगर धरातल पर कुछ नहीं हो पाया है। यही कारण है कि सर्दी आते ही पागी घाटी के लोग घरों में कैद हो जाते हैं। बर्फबारी के कारण घाटी का शेष विश्व से छह महीने तक संपर्क कट जाता है।
लोगों को पूरा वर्षभर चंबा से जोड़े रखने के लिए 1970 से चैहणी सुरंग निर्माण की माग उठ रही है। कुछ सुनवाई के बाद महज सर्वे तक ही इसका काम निपटाया गया। चंबा की पिछड़ी तहसील पागी में अति कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण पाच से छह महीने तक ही यातायात सुविधा मिल पाती है।
16 पंचायतों के लोग प्रभावित : पागी तहसील के अंतर्गत 16 पंचायतें हैं जोकि सुरंग का निर्माण न होने से प्रभावित हैं। किलाड़, करियास, करेल, हुंडान, लुज, धरवास, सुराल, किरयूणी, साच, कुमार, साहली, शूण, सेचू, पुर्थी, रेई तथा मिंधल पंचायतों की कुल आबादी 27 हजार के करीब है। इसके बावजूद अब तक सुरंग निर्माण के लिए कदम नहीं बढ़े। पर्यटन को भी लगेंगे पंख सुरंग का निर्माण हो जाता है तो इससे पांगी घाटी के पर्यटन को नए पंख लगेंगे। घाटी में पर्यटकों को देखने के लिए जहां ऐतिहासिक मंदिर हैं। वहीं, बर्फ से लकदक पहाड़ स्वत: ही पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं। सुरंग निर्माण के बनने से घाटी के पर्यटन को नए पंख लगेंगे। यहां के लोगों को रोजगार के अवसर पैदा होंगे। क्या कहते हैं लोग
------------ पांगी घाटी के लोग करीब वर्ष 1970 से चैहणी सुरंग निर्माण को लेकर सरकारों तथा नेताओं से मांग उठाते आए हैं। लेकिन, इस दिशा में सरकारों का रवैया आज दिन तक नकारात्मक ही रहा है, जो कि घाटी के लोगों को निराश कर रहा है।
-लेख राज, कोषाध्यक्ष पांगी कल्याण संघ चंबा। जब भी घाटी में बर्फबारी होती है तो इसका संपर्क पूरी तरह से कट जाता है। इस दौरान लोगों को चंबा से जुड़े रहने के लिए हेलीकॉप्टर का सहारा लेना पड़ता है। इस बार उड़ानें भी नाममात्र ही हुई हैं।
-प्रेम लाल, सदस्य सेवादल पांगी। पांगी घाटी के लोगों द्वारा चैहणी सुरंग निर्माण को लेकर कई बार हस्ताक्षर अभियान भी छेड़े गए हैं। लोगों द्वारा प्रमुखता के साथ इसकी आवाज उठाई गई है। लेकिन, इसके बावजूद अभी तक सुरंग निर्माण को लेकरकोई भी कार्रवाई नहीं की गई है।
-मेघनाथ, निवासी कुलाल, पांगी