Top Kangra News of the Day 16th June 2019, वनरक्षक बनने से मोह भंग, युवक की डूबकर मौत, दवा है यह जल, बीएसएनएल ठप, जनमंच,
Top Kangra News of the Day वनरक्षक बनने से युवाओं का मोह भंग हाे रहा है। लूनी खडड में नहाने गए डूबकर युवक की मौत हो गई।
धर्मशाला, जेएनएन। प्रदेश में सात महीने बाद रविवार को जनमंच का आयोजन किया गया। धर्मशाला के जोरावर स्टेडियम में परिवहन एवं वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर की अध्यक्ष्ाता में कार्यक्रम हुआ। लोगों बिजली पानी की समस्याएं प्रमुखता से उठाईं। अधिकतर समस्याओं का मंत्री ने मौके पर अधिकारियों के माध्यम से समाधान किया। इस दौरान कुछ कर्मचारी संगठनों के सदस्य भी मंत्री से मिले और समस्याएं रखीं।
बीएसएनएल की सेवाएं ठप
बीएसएनएल की तारें कट जाने से कांगड़ा जिला सहित चंबा के भी कई इलाकों में टेलीफोन व इंटरनेट सेवा ठप हो गई। इस कारण हजारों लोगों का कामकाज भी प्रभावित हुआ। बताया जा रहा है चैतड़ू के पास तारें कट गईं व पालमपुर क्षेत्र में सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गईं।
वनरक्षक बनने से मोह भंग
यनरक्षक बनने से युवाओं का मोह भंग होने लगा है। वन वृत्त धर्मशाला में अनुबंध आधार पर भरे जा रहे वनरक्षकों की शारीरिक दक्षता प्रक्रिया के 7वें दिन आधे से कम युवा भर्ती में पहुंचे। विभाग ने 1194 युवाओं को ऑनलाइन व ऑफलाइन कॉल लेटर जारी किए गए थे। इनमें से 494 ही सकोह पहुंचे, जिनमें मैदान की बाधा पार करने वाले 140 युवाओं में 124 पुरुष व 16 महिला अभ्यर्थी शामिल हैं।
लूनी खड्ड में डूब गया एक घर का चिराग
बैजनाथ के तहत लूनी खडड में एक घर का चिराग डूब गया। 18 बर्षीय आदित्य लूनी खड्ड में नहाते हुए डूब गया। आदित्य का परिवार मूलतः संसाल गांव का रहने वाला है। लेकिन दिल्ली में काम करते हैं व पूरा परिवार वहीं रहता है। इन दिनों पूरा परिवार छुटिटयों में घर आया हुआ था। आदित्य परिजनों के साथ ततबानी घूमने आया था और बीच रास्ते मे खड्ड में नहाने उतर गया। साथ लगते प्रोजेक्ट के कर्मचारियों ने उसे बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
कई रोगों से छुटकारा देता है यह जल
धर्मशाला स्थित माता कुनाल पत्थरी मंदिर का जल कई रोगों से छुटकारा देता है। माता को कपालेश्वरी के नाम से भी विख्यात है। यह मां कपालेश्वरी देवी मंदिर अनूठा और विशेष भी है। मंदिर में माता के कपाल के ऊपर एक बड़ा पत्थर भी कुनाल की तरह विराजमान है। इसलिए इस मंदिर को मां कुनाल पत्थरी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है इस कुनाल के पानी को प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से कई तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है।
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