आइटीआइ बहुतकनीकी संस्थानों की परीक्षाओंं में हुआ ये अहम बदलाव, 1000 परिक्षार्थी होंगे लाभान्वित
इस साल हिमाचल प्रदेश में आइटीआइ और बहुतकनीकी संस्थानों के विद्यार्थियों की सेमेस्टर परीक्षाएं एक माह पूर्व शुरू हो जाएंगी।
धर्मशाला, जेएनएन। इस साल से हिमाचल में आइटीआइ और बहुतकनीकी संस्थानों के विद्यार्थियों की सेमेस्टर परीक्षाएं एक माह पूर्व शुरू हो जाएंगी। सेमेस्टर परीक्षाओं के शेड्यूल में हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड ने फेरबदल किया है। इसके अलावा बैच 2007 और 2012 में फेल परीक्षार्थियों को गोल्डन चांस भी दिया जाएगा। बोर्ड के इस फैसले से करीब 1000 परीक्षार्थियों को लाभ मिलेगा।
तकनीकी शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को बोर्ड की 55वीं बैठक हुई। इस दौरान वर्ष 2019-20 के लिए 41 करोड़ 10 लाख 43 हजार रुपये का बजट पास किया गया। साथ ही साल 2017-18 और 2018-19 की वार्षिक प्रशासनिक रिपोर्ट को भी सहमति प्रदान की गई।
बैठक में सेमेस्टर परीक्षाओं के फेरबदल को स्वीकृति देते हुए इसी सत्र से इसे लागू करने का फैसला लिया गया है। इससे पहले बहुतकनीकी संस्थानों की सेमेस्टर परीक्षाएं दिसंबर में होती थीं, जो अब नवंबर में होंगी। आइटीआइ की परीक्षाएं जनवरी में होती हैं और अब ये दिसंबर से संचालित की जाएंगी।
बोर्ड अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि बहुतकनीकी संस्थानों में उद्योगों की मांग के अनुसार प्रशिक्षु तैयार होंगे। इसके अलावा बहुतकनीकी संस्थानों की 2017 की योजना के तहत पंजीकृत प्रशिक्षुओं के पांचवें और छठे सेमेस्टर के पाठ्यक्रम में फेरबदल किया गया है।
एनआइटीटीटी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नीकल टीचर ट्र्रेंनग एंड रिसर्च) ने बहुतकनीकी संस्थानों के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया है। बैठक में तकनीकी शिक्षा बोर्ड सचिव सुनील कुमार वर्मा, सदस्य विधायक विक्रम जरियाल, नरेंद्र ठाकुर, विशेष सचिव वित्त ललित जैन, जसवां से हरवंश लाल कालिया, देहरागोपीपुर से कमांडेंट राजेश्वर सिंह, राजीव गांधी इंजीनियरिंग कॉलेज नगरोटा बगवां के प्राचार्य प्रो. पीपी शर्मा, बहुतकनीकी संस्थान कांगड़ा के प्राचार्य अनिल सूद और आइटीआइ शाहपुर के प्रधानाचार्य एसके लखनपाल ने भाग लिया। तकनीकी शिक्षा बोर्ड सचिव सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि गोल्डन चांस से 1000 प्रशिक्षुओं को डिप्लोमा पूरा करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने बताया कि इनमें से अधिकतर ऐसे परीक्षार्थी हैं, जो एक या दो पेपर की वजह से डिप्लोमा पूरा नहीं कर पाए हैं। ऐसे परीक्षार्थी दिसंबर में परीक्षा दे सकते हैं। इसके लिए पूराने शेड्यूल और फीस के अनुसार आवेदन किया जा सकता है।