फाइलों में ही सिमट कर रह गया सराय भवन का निर्माण
सुरेश कौशल योल श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम मंदिर के कई प्रस्तावित विकास कार्य अभी भी सिरे
सुरेश कौशल, योल
श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम मंदिर के कई प्रस्तावित विकास कार्य अभी भी सिरे नहीं चढ़ पाए हैं, जिससे मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को हीं नहीं बल्कि धार्मिक आस्था से जुड़े लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे बड़ी समस्या यहां पर सराय का निर्माण न हो पाने से है। एशियन डेवलपमेंट बैंक के सौजन्य से 2017-18 के दौरान मंदिर परिसर के सौंदर्यकरण के कार्य को अंजाम देने के लिए मंदिर की 35 कमरों की सराय भवन को गिर दिया गया था, जहां दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क ठहरने की व्यवस्था थी, लेकिन अब यह सुविधा न होने से लोगों को महंगे होटलों में ठहरने के लिए मजबूर होना पड़ता है। खैर कोरोना वायरस के कारण अब बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की आमद कम है, लेकिन पिछले एक साल से सराय भवन का निर्माण कार्य फाइलों में ही सिमट कर रह गया। प्रशासन की मानें तो कोरोना काल के कारण कुछ प्रस्तावित योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए विलंब हुआ है, क्योंकि 20 लाख रुपये के बजट के कार्य को अंजाम देने के लिए सरकारी मंजूरी लेनी पड़ती है, वहीं लंगर भवन के समीप खाली जमीन पर करीब 80 लाख रुपये की लागत से नई सराय बनाने की योजना भी ठप हो कर गई, क्योंकि यह जमीन मंदिर प्रशासन ने हिमानी चामुंडा रोपवे को हस्तांतरित कर दी। यही वजह रही कि लंगर भवन के समीप प्रस्तावित योजना ठंडे बस्ते में पड़ गई। वहीं मंदिर न्यास के सदस्य संसार मित्र ने बताया कि ऐसी स्थिति में सराय किसी अन्य जगह बनाई जाए। उन्होंने बताया कि पांच सितंबर को सांसद किशन कपूर ने भी मंदिर सराय भवन को बडोई मेला मैदान में बनाने की प्रोपोजल रखी है, वहीं एमडीएम धर्मशाला एवं सहायक मंदिर आयुक्त डा. हरीश गज्जू ने बताया कि अभी फिलहाल शॉपिंग माल की पहली मंजिल पर लोक निर्माण विभाग के सौजन्य से बनाने का जिम्मा सौंपा है, जिसके तहत 20 के करीब कमरे जिसके साथ शौचालय की भी सुविधा रहेगी। उन्होंने बताया कि कई अन्य निर्माण कार्य भी प्रगति पर हैं, जिनके पूरा होने से लोगों को बेहतर सुविधाएं भी मिलेंगी।