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मंदिर खुलने की घोषणा से खिले दुकानदारों के चेहरे, इस तरह कर रहे श्रद्धालुओं के स्वागत की तैयारी

हिमाचल में कोरोना कफ्र्यू के कारण 23 अप्रैल से बंद पड़े मंदिरों के पहली जुलाई से कपाट खुलने की घोषणा के बाद कांगड़ा स्थित मंदिर बाजार के दुकानदारों के चेहरों पर रौनक आ गई है। जिसके चलते मूर्ति पूजा का सामान बेचने वाले साफ सफाई करना आरंभ कर दिया है।

By Vijay BhushanEdited By: Published: Fri, 25 Jun 2021 04:12 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jun 2021 04:12 PM (IST)
मंदिर खुलने की घोषणा से खिले दुकानदारों के चेहरे, इस तरह कर रहे श्रद्धालुओं के स्वागत की तैयारी
कांगड़ा मंदिर मार्ग के दुकानदार सफाई में जुटे। जागरण

कांगड़ा, बिमल बस्सी। हिमाचल में कोरोना कफ्र्यू के कारण 23 अप्रैल से बंद पड़े मंदिरों के पहली जुलाई से कपाट खुलने की घोषणा के बाद कांगड़ा स्थित मंदिर बाजार के दुकानदारों के चेहरों पर रौनक आ गई है। जिसके चलते मूर्ति पूजा का सामान बेचने वाले अथवा प्रशाद विक्रेताओं ने दुकानें खोल कर साफ सफाई करना आरंभ कर दिया है। बेशक शुक्रवार को मंदिर बाजार में ग्राहक नहीं होने से सन्नाटा पसरा रहा, लेकिन कोरोना कफ्र्यू की वजह से मई, जून का सीजन बीत जाने का सभी दुकानदारों को बेहद मलाल है, क्योंकि गर्मियों में छुट्टियां होने के कारण पंजाब, राजस्थान, दिल्ली व हरियाणा के यात्री कांगड़ा मंदिर पहुंचते थे तथा दुकानदारों को भी अच्छी कमाई होती थी, लेकिन परंतु वैश्विक महामारी के कारण लगे लाकडाउन व कोरोना कफ्र्यू के कारण मंदिर बाजार के दुकानदारों को तंगहाली का जीवन व्यतीत करना पड़ा है। हांलाकि मंदिर में दिल्ली, मथुरा तथा अन्य क्षेत्रों से यात्रियों ने दस्तक देना शुरू कर दिया है, लेकिन यहां पहुंच कर उन्हे निराशा हाथ लग रही है। जिसके चलते श्रद्धालु मंदिर के कपाट पर ही माथा टेक कर वापिस लौट रहे हैं।

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मंदिर बाजार कांगड़ा में लगभग 100 दुकानदारों का कारोबार मंदिर के सहारे चलता है। आर्थिक मंदी झेल रहे माता बज्रेश्वरी देवी मंदिर की लगभग 30 दुकानों के किरायेदारों में से कुछ ने अभी तक पिछले वर्ष के किराये का भुगतान भी नहीं किया है। कारण साफ रहा कि बीते वर्ष सात महीने के बाद मंदिर के कपाट खुले थे तथा मंदिर पहुंचने वाले यात्रियों के बलबुते रोजी चलाने वाले दुकानदारों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। हालांकि मंदिर ट्रस्ट ने तीन महीने का किराया माफ कर दिया था। इस वर्ष 70 दिनों के बाद मंदिर के कपाट खुलने से दुकानदारों को उम्मीद होने लगी है कि 11 जुलाई से शुरू होने वाले सप्ताहिक गुप्त नवरात्रों पर परिवार का रोजी रोटी का जुगाड़ संभव हो पाएगा। इन नवरात्रों में ज्यादातर श्रद्धालु यूपी से कांगड़ा पहुंचते हैं। पहली जुलाई से कारोबार की उम्मीद लगाये बैठे मंदिर के किरायेदार इस बार भी प्रशासन से राहत की आस लगाए हुए हैं।

क्या कहते हैं दुकानदार व मंदिर अधिकारी

जैसे ही यात्रियों के लिए मंदिर के कपाट खुलेंगे। परिसर में प्रवेेश करने वाले श्रद्धालुओं को मास्क पहनना तथा शारीरिक दूरी जैसे नियमों का पालन करना होगा।

-दलजीत शर्मा, मंदिर अधिकारी बज्रेश्वरी देवी मंदिर कांगड़ा।

मंदिर के कपाट खुलने से पर्यटकों की आवाजाही होने से कारोबार चलने की उम्मीद है। स्थानीय श्रद्धालुओं से बिक्री की आस के चलते दुकानें खोली है। फिलहाल मंदी से जूझना पड़ रहा है।

-दीपक शर्मा, दुकानदार।

पहली जुलाई का इंतजार काफी लंबा दिखने लगा है। सरकार के फैसले से मंदिर बाजार में होने वाली चहल पहल दुकानदारों का उत्साह बढ़ाएगी। पिछले वर्ष से ही आर्थिक परेशानी झेल रहे हैं।

-राङ्क्षजद्र नाथ, प्रसाद विक्रेता।

प्रसाद बेच कर परिवार का गुजारा होता था, लेकिन बीते वर्ष सात महीने तथा इस बार के 70 दिनों के बंद से घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया। पहली जुलाई से कारोबार की उम्मीद जगी है। सरकार का फैसला सराहनीय है।

-अतुल गुप्ता, प्रसाद विक्रेता।

मंदिरों के कपाट खोलने का फैसला सराहनीय है। यात्रियों के आने से दुकानदारों की रोजी रोटी का जुगाड़ होने लगेगा वरना तो आर्थिक मंदी ने कमर ही तोड़ कर रख दी थी।

-विजय शर्मा, दुकानदार।


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