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जेबीटी से टीजीटी पदोन्नति में स्नातक में 50 फीसद अंक व टेट अनिवार्य, पढ़ें पूरा मामला

TGT Promotion टीजीटी पदोन्नति के लिए स्नातक में कम से कम 50 फीसद अंक व अध्यापक पात्रता परीक्षा (टेट) उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। प्रदेश हाईकोर्ट ने जेबीटी अध्यापकों की स्नातक परीक्षा में 50 फीसद अंक की अनिवार्यता की शर्त में छूट देने की याचिका को खारिज कर दिया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 11:35 AM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 11:35 AM (IST)
जेबीटी से टीजीटी पदोन्नत‍ि के लिए टेट और 50 फीसद अंक अनिवार्य किए गए हैं।

शिमला, जेएनएन। जेबीटी से प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक (टीजीटी) पदोन्नति के लिए स्नातक में कम से कम 50 फीसद अंक व अध्यापक पात्रता परीक्षा (टेट) उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। प्रदेश हाईकोर्ट ने जेबीटी अध्यापकों की स्नातक परीक्षा में 50 फीसद अंक की अनिवार्यता की शर्त में छूट देने की याचिका को खारिज कर दिया है।

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न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने कहा कि यदि सरकार बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए उत्कृष्ट अध्यापक उपलब्ध करवाने के लिए शर्त रखती है तो उसको मनमाना नहीं ठहराया जा सकता है।

कोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि पदोन्नति कर्मचारी का निहित अधिकार नहीं है। उसका अधिकार केवल पदोन्नति के लिए उस समय कंसीडर किए जाने का है, जब पदोन्नति की जा रही हो। पदोन्नति नियम उस समय के लागू होते हैं जिस समय विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) ने किसी प्रत्याशी की योग्यता देखनी हो। रिक्तियों के खाली होने के समय नियम पदोन्नति के लिए लागू नहीं किए जाते हैं। शिक्षा विभाग ने 22 अक्टूबर 2009 को टीजीटी भर्ती के लिए पांच साल नियमित जेबीटी सेवाएं देने वाले अध्यापक को पात्र बनाया था।

योग्यता के तहत प्रत्याशी के पास बीए व बीएड डिग्री होना जरूरी बनाया गया। जेबीटी को पदोन्नति के लिए 15 फीसद कोटा भी निर्धारित किया गया था। 31 मई 2012 को इन नियमों में परिवर्तन कर शर्त लगाई गई कि प्रत्याशी स्नातक में कम से कम 50 फीसद अंक से उत्तीर्ण व टेट पास होना चाहिए। प्रार्थियों का कहना था कि वे स्नातक हैं परंतु 50 फीसद अंक के साथ उत्तीर्ण नहीं हैं। इसी कारण वे टेट पास भी नहीं हैं। प्रार्थियों का कहना था कि 2012 से पहले उनके कोटे के तहत जो रिक्तियां उत्पन्न हुई थी उन्हें पुराने नियमों के तहत ही भरा जाना चाहिए।


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