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शिक्षक की ड्यूटी का बच्चों को वॉटसएप पर आएगा मैसेज, अभिभावकों को देनी होगी अंडरटेकिंग, पढ़ें खबर

Teachers Roster Duty राज्य सरकार ने कोरोना महामारी के खतरे के बीच सोमवार से स्कूल खुल जाएंगे। कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थी परामर्श के लिए स्कूल आ सकेंगे।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 04:25 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 04:25 PM (IST)
शिक्षक की ड्यूटी का बच्चों को वॉटसएप पर आएगा मैसेज, अभिभावकों को देनी होगी अंडरटेकिंग, पढ़ें खबर
शिक्षक की ड्यूटी का बच्चों को वॉटसएप पर आएगा मैसेज, अभिभावकों को देनी होगी अंडरटेकिंग, पढ़ें खबर

शिमला, जागरण संवाददाता। राज्य सरकार ने कोरोना महामारी के खतरे के बीच सोमवार से स्कूल खुल जाएंगे। कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थी परामर्श के लिए स्कूल आ सकेंगे। शिक्षा विभाग की ओर से जारी निर्देशों के बाद स्कूलों ने इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। स्कूल प्रधानाचार्य शिक्षकों का रोस्टर तैयार करेंगे। किस दिन कौन कौन से शिक्षक स्कूल में मौजूद रहेंगे इसका मैसेज वॉटसएप के जरिये विद्यार्थियों को भेजा जाएगा। ऑनलाइन पढ़ाई के लिए हर स्कूल में क्लास वाइज वॉटसएप ग्रुप बने हुए हैं। बच्चे परामर्श लेने के लिए अपने माता-पिता की मंजूरी के बाद स्कूल आ सकेंगे।

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इसके लिए उन्हें सादे कागज पर अपने माता या पिता से लिखवाकर लाना होगा कि वे स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं। स्कूल स्तर पर इसके लिए सारी तैयारियां हो चुकी है, लेकिन अभिभावक अभी भी चिंतित हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर यह चिंता है। अभिभावकों का कहना है सरकार ने तो आदेश जारी कर दिए हैं, लेकिन स्कूल स्तर पर इसको लेकर कोई इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है।

बिना तैयारियों के बच्चों को बुलाना गलत

अभिभावक विजेंद्र मेहरा का कहना है कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, ऐसे में बच्चों को स्कूल भेजना उचित नहीं है। सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं, लेकिन स्कूलों में उस तरह की सुविधा नहीं है। महज एसओपी बनाने से कुछ नहीं होता, स्कूल स्तर पर उस तरह की सुविधा होनी चाहिए। कोरोना सामुदायिक संक्रमण की ओर बढ़ रहा है, बच्चें दूर दूर से बसों में सफर करके स्कूल आएंगे यह उचित नहीं है। सरकार या स्कूल इसके लिए अलग से बसों का इंतजाम करे ताकि बच्चे सुरक्षित रहे।

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बच्चों को स्कूल बुलाना खतरे को न्याेता देना

अभिभावक जियानंद का कहना है कोरोना महामारी समुदाय में फैल चुकी है। ऐसे में सरकार बच्चों और शिक्षकों को स्कूल बुला रही है। स्कूलों में खाली थर्मल स्कैनिंग करने की व्यवस्था है। इसके अलावा कोई व्यवस्था नहीं की गई है। बच्चों को यदि कुछ हो जाता है तो इसकी जिम्मेवारी कौन लेगा। सरकार को चाहिए कि पहले उचित व्यवस्था करें फिर बच्चों को स्कूल बुलाए।

रोस्टर तैयार कर बच्चों को भेजेंगे : भूपेंद्र सिंह

लक्‍कड़ बाजार स्‍कूल के प्रधानाचार्य भूपेंद्र सिंह का कहना है सोमवार से स्कूल में शिक्षकों को रोस्टर के हिसाब से बुलाया जाएगा। किस दिन किस विषय के शिक्षक स्कूल आएंगे, इसका रोस्टर पहले ही तैयार कर लिया जाएगा। बच्चों को वॉटसएप ग्रुप के जरिये इसकी सूचना भेज दी जाएगी। उन्हें यह भी कहा गया है कि यदि वह परामर्श के लिए स्कूल आना चाहते हैं तो वह अभिभावकों की अनुमति लेकर स्कूल आ सकते हैं। स्कूल में बच्चों के बैठने के लिए बैंच 6 फीट की दूरी पर लगाए गए हैं, ताकि शारीरिक दूरी के नियम की पालना हो सके।


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