ज्वालामुखी में पार्क के लिए दी गई जमीन पर बन गया टैक्सी स्टैंड, पढ़िए पूरा मामला
नगर निकाय चुनाव को पांच दिन शेष बचे हैं। प्रत्याशियों की सही से जांच परख के बाद अब मतदाता आक्रामक होने लगा है। शहर के लोग कुछ पुराने मुद्दों पर नगर निकाय द्वारा ढुलमुल रवैये से तंग आकर अब जवाब तलवी करने लगे हैं।
ज्वालामुखी, जेएनएन। नगर निकाय चुनाव को पांच दिन शेष बचे हैं। प्रत्याशियों की सही से जांच परख के बाद अब मतदाता आक्रामक होने लगा है। शहर के लोग कुछ पुराने मुद्दों पर नगर निकाय द्वारा ढुलमुल रवैये से तंग आकर अब जवाब तलवी करने लगे हैं। निवर्तमान पार्षदों समेत नए उम्मीदवारों से प्रश्न दागे जा रहे हैं कि उन मुद्दों पर चुनकर आने वाले लोग क्या करेंगे। जो सालों से लटके पड़े हैं।
बेशक चुनावी बेला में ज्वालामुखी में उम्मीदवार शहर के विकास के बड़े-बडे दावे कर रहे हों। हकीकत यह है कि यहाँ के सात वार्डों में कहीं पर भी बच्चों के खेलने कूदने या खाली समय को व्यतीत करने के लिए पार्क तक नहीं बन पाया है। पिछले 25 साल से अधिक समय से चुने हुई किसी भी नगर निकाय ने न तो इसे जरूरी समझा न ही कोई प्रयास किए।
बताते हैं कि शहर के ही एक समाज सेवी ने बच्चों के पार्क के लिए लगभग तीन दशक पहले जमीन दान दी थी। लेकिन कुछ समय तक वहां पार्क स्थापित करने के बाद वहां से हटा दिया गया। मौजूद समय में इस पार्क के स्थान पर टेक्सी स्टैंड बनाया गया है। जबकि पार्क का सामान जिसमें बच्चों के खेलने के लिए कई तरह के उपकरण लगाए थे, संस्कृत कॉलेज जवालमुखी के पीछे गल सड़ रहे हैं।
हौरानी है कि 25 साल पहले के इन खेल उपकरणों को नगर निकाय ने न तो सही स्थान पर लगाया न ही इनकी देखभाल की। हालत यह है कि सभी उपकरण खुले आसमान नीचे झाड़ियों में सत्तर प्रतिशत तक गल सड़ चुके हैं।
अब नगर निकाय चुनाव में उम्मीदवारों के वायदों की झड़ी के बीच शहर के लोगों ने वाहें तरेर ली हैं। लोगों का तर्क है कि विकास के आसमान छूने वाले वादे करने वाले नेता बताएं की शहर में कौन सी ऐसी जगह स्थापित की जहां बच्चों का मनोरंजन हो सके या बड़े बूढ़े घर के बाहर थोड़ा टहल सकें।