जल्द लौटेगा डल झील का वैभव, चार करोड़ का बजट मंजूर Kangra News
झील को संवारने के लिए केंद्र सरकार ने चार करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। इस राशि से दुर्वेश्वर महादेव मंदिर का भी विकास किया जाएगा।
धर्मशाला, जेएनएन। अंतरराष्ट्रीय पैराग्लाइडिंग साइट बीड़-बिलिंग जल्द पर्यटन की दृष्टि से विकसित होगी। पर्यटन विभाग ने नई राहें, नई मंजिलें योजना के तहत इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया है। साथ ही डीसी कांगड़ा भी बीड़-बिलिंग का निरीक्षण कर चुके हैं। मैक्लोडगंज स्थित डल झील का वैभव भी जल्द लौटेगा। झील को संवारने का कार्य एशियन डेवलपमेंट बैंक ने शुरू करवा दिया है। इस कार्य पर केंद्र सरकार की ओर से जारी चार करोड़ रुपये खर्च होंगे। झील के अलावा दुर्वेश्वर महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार भी किया जाएगा। पेश हैं पर्यटन विभाग की उपनिदेशक सुनयना शर्मा से हुई बातचीत के प्रमुख अंश-
नई राहें, नई मंजिलें योजना के तहत किन-किन पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाएगा?
पैराग्लाइडिंग के लिए मशहूर बीड़-बिलिंग साइट को विकसित किया जा रहा है। हालांकि योजना के तहत जिला कांगड़ा के कुछ अन्य स्थानों को भी शामिल किया गया है लेकिन अभी तक केवल बीड़-बिलिंग साइट को ही मंजूरी मिली है।
योजना के तहत और कौन से स्थल शामिल किए गए हैं?
शाहपुर के धारकंडी क्षेत्र के करेरी व त्रियुंड को भी योजना में शामिल किया गया है। अभी तक इन दोनों ही स्थलों बाबत स्वीकृति नहीं मिली है। मंजूरी मिलने के बाद ही इन दोनों स्थलों को भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा।
डल झील को संवारने पर कितनी राशि खर्च की जा रही है?
झील को संवारने के लिए केंद्र सरकार ने चार करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। इस राशि से दुर्वेश्वर महादेव मंदिर का भी विकास किया जाएगा। इसके अलावा यहां लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी। बेंच लगाए जाएंगे और पार्क भी बनाया जाएगा।
एडीबी के तहत और कौन-कौन से कार्य किए जा रहे हैं?
एडीबी के तहत अघंजर महादेव मंदिर को संवारनेके अलावा नगरोटा बगवां में भी काम चल रहा है। टंग-नरवाणा में धौलाधार पार्क का निर्माण किया जा रहा है। पहले चरण में 10 करोड़ में से 6 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं। इसके अलावा कई निर्माण कार्य जैसे पार्क व फव्वारा चौक को भी एमसी के हैंडओवर किया जाएगा।
धर्मशाला-मैक्लोडगंज रोपवे का कार्य कब तक पूरा होगा?
धर्मशाला-मैक्लोडगंज रोपवे का निर्माण कार्य अगले वर्ष तक पूरा होगा। करीब 50 फीसद काम पूरा हो चुका है जबकि शेष कार्य भी अगले वर्ष तक पूर्ण हो जाएगा। परियोजना के पूर्ण होने पर शहर में लगने वाले जाम से पर्यटकों को नहीं जूझना होगा। आधे घंटे का सफर मिनटों में तय हो पाएगा।
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