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शिक्षा की लौ जला, अंधेरी जिंदगी में की रोशनी

शिक्षा की लौ जगाकर बच्चों की अंधेरी जिंदगी में रोशनी करने वाले सुनील धीमान राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित हुए हैं।

By Edited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 11:28 AM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 11:28 AM (IST)
शिक्षा की लौ जला, अंधेरी जिंदगी में की रोशनी
शिक्षा की लौ जला, अंधेरी जिंदगी में की रोशनी

धर्मशाला, दिनेश कटोच। झुग्गी झोपड़ियों में शिक्षा की लौ जगाकर बच्चों की अंधेरी जिंदगी में रोशनी करने वाले सुनील धीमान राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित हुए हैं। यह गौरव की बात है कि सुनील प्रदेश के अकेले ऐसे शिक्षक हैं जिन्हें यह सम्मान शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों मिलेगा। प्राथमिक पाठशाला बंडोल (ज्वालामुखी) में तैनात सुनील धीमान ने प्राथमिक स्कूल के बच्चों को बचपन से ही स्मार्ट बनाने के प्रयास शुरू किए और इसके सार्थक परिणाम भी मिले हैं। वर्ष 2000 में विद्या उपासक के रूप में शिक्षा के क्षेत्र में सफर शुरू करने वाले सुनील धीमान ने बच्चों के लिए कई ऐसी कई योजनाएं स्कूल में शुरू की हैं जिन्हें आज अन्य विद्यालय भी अपना रहे हैं।

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इसके बदौलत ही इन्होंने यह सम्मान हासिल किया है। सुनील ने भड़ोली-कुटियारा में झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले अन्य राज्यों के लोगों के बच्चों को ही नहीं बल्कि उनके परिजनों को भी शिक्षित किया है। हालांकि इस कार्य को अंजाम तक पहुंचाने में उन्हें बाधाओं का भी सामना करना पड़ा। परिजन पहले तो बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे लेकिन जागरूक किया तो वे मान गए। सुशिक्षित समाज की दिशा में सुनील धीमान की ओर से छेड़े अभियान में स्कूल स्टाफ ने भी योगदान दिया। प्राथमिक पाठशाला बंडोल को सुनील धीमान ने मॉडल के रूप में भी तैयार किया है। स्कूल को ऑनलाइन करने की दिशा में भी उन्होंने प्रयास किए हैं और इसका नतीजा यह है कि स्कूल में अब विद्यार्थी अभिभावकों या अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत करते हैं। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करते हुए उन्होंने स्कूल में हर्बल गार्डन भी तैयार किया है।

'हर बच्चे में कोई न कोई सोच होती है। आज जरूरत इस बात की है कि हम उस सोच को कैसे पैदा करते हैं। प्राथमिक स्कूल के बच्चों को स्मार्ट बनाया है। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार मिलने की खुशी है और इसका श्रेय स्कूली बच्चों को जाता है।'

-सुनील धीमान, शिक्षक प्राथमिक पाठशाला बंडोल

जीवन परिचय सुनील धीमान - जेबीटी अध्यापक पिता - सेवानिवृत्त सूबेदार दौलतराम माता - मलका देवी गृहिणी पत्‍‌नी - भावना गृहिणी बेटा - आयुष आर्यन बेटी - भव्या


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