मटौर-शिमला फोरलेन प्रभावितों की मुआवजा राशि की पहली किस्त जारी, जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य
Matour Shimla Fourlane मटौर-शिमला फोरलेन से विस्थापित होने वालों को दिए जाने वाले मुआवजे की राशि नेशनल हाइवे विभाग ने जारी कर दी है। पहले चरण में कांगड़ा बाईपास से भंगवार (रानीताल) के बीच फोरलेन बनेगा और 3302 विस्थापितों को 220 करोड़ का मुआवजा दिया जाएगा।
रितेश ग्रोवर, कांगड़ा। मटौर-शिमला फोरलेन से विस्थापित होने वालों को दिए जाने वाले मुआवजे की राशि नेशनल हाइवे विभाग ने जारी कर दी है। पहले चरण में कांगड़ा बाईपास से भंगवार (रानीताल) के बीच फोरलेन बनेगा और 3302 विस्थापितों को 220 करोड़ का मुआवजा दिया जाएगा। नेशनल हाइवे विभाग ने 133 करोड़ की राशि जारी कर दी है और यह एसडीएम कांगड़ा के खाते में जमा हो गई है। मुआवजा इस माह के अंत तक प्रभावितों के खातों में जमा हो जाएगा। अभी तक मुआवजा उन लोगों को दिया जाएगा जिनकी जमीन फोरलेन में आ चुकी है जबकि उन लोगों को इंतजार करना होगा जिनके मकान व अन्य भवन जद में आएंगे। मुआवजे के 85 करोड़ दूसरे चरण में दिए जाएंगे।
एसडीएम कांगड़ा ने इस बाबत पुष्टि की है। कांगड़ा से रानीताल के बीच कुल 3302 लोग हैं और जिनकी जमीन फोरलेन की जद आ रही है। 3जी फैक्टर एक के तहत मुआवजा दिया जाएगा। अभी तक उन लोगों को ही मुआवजा मिलेगा जिनकी सिर्फ जमीन आ रही है। जिन लोगों के घर व अन्य भवन जद में आ रहे हैं, उन्हें बाद में मुआवजा दिया जाएगा। 1400 से अधिक लोगों के मकान व अन्य भवन जद में आ रहे हैं और इन्हें बाद में मुआवजा राशि मिलेगी।
कांगड़ा उपमंडल का 20 किलोमीटर का क्षेत्र आएगा जद में
कांगड़ा उपमंडल का करीब 20 किलोमीटर का क्षेत्र फोरलेन की जद में आएगा। एसडीएम कांगड़ा को उपमंडल का भू अधिग्रहण संरक्षण अधिकारी का जिम्मा भी सौंपा गया है। एसडीएम अभिषेक वर्मा ने बताया कि 133 करोड़ रुपये मुआवजे के लिए जारी कर दिए हैं और ये उनके खाते में जमा हो गए हैं।
दस्तावेज जमा करवाने का निर्देश
कांगड़ा उपमंडल में करीब पांच हजार लोगों को कागजात भूअधिग्रहण विभाग में जमा करवाने के निर्देश जारी किए गए हैं। पेड़ों की गिनती अंतिम चरण में है और फाइनल रिपोर्ट के बाद वन विभाग को भी मुआवजा दे दिया जाएगा।
जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य, कंपनी के अधिकारी पहुंचे कांगड़ा
मुआवजा जारी होते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। जिस कंपनी ने फोरलेन का कार्य शुरू करना है उसके अधिकारी कांगड़ा पहुंच गए हैं और प्रशासन से वार्तालाप जारी है। निर्माण कार्य में देरी न हो, इसके प्रदेश व केंद्र सरकार के प्रतिनिधि उपमंडल स्तर के अधिकारियों से रोजाना फीडबैक ले रहे हैं।