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इंटरनेट मीडिया के अधिक प्रयोग से अनिंद्रा रोग से ग्रस्‍त हो रहे हिमाचल के विद्यार्थी

हिमाचल में कॉलेज के छात्रों को इंटरनेट मीडिया के अत्यधिक उपयोग के कारण नींद की बीमारी हो रही है। धर्मशाला कॉलेज पत्रकारिता विभाग के प्राध्यापक डॉक्‍टर ध्यान चंद ने कॉलेज के छात्रों पर मोबाइल फोन के प्रभावों को लेकर शोध किया है।

By Richa RanaEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 10:23 AM (IST)Updated: Fri, 06 Nov 2020 10:51 AM (IST)
हिमाचल में कॉलेज के छात्रों को इंटरनेट के अत्यधिक उपयोग के कारण नींद की बीमारी हो रही है।

धर्मशाला, जेएनएन। हिमाचल में कॉलेज के छात्रों को इंटरनेट मीडिया के अत्यधिक उपयोग के कारण नींद की बीमारी हो रही है। धर्मशाला कॉलेज पत्रकारिता विभाग के प्राध्यापक डॉक्‍टर ध्यान चंद ने कॉलेज के छात्रों पर मोबाइल फोन के प्रभावों को लेकर शोध किया है। अपने शोध में उन्होंने दावा किया है कि हिमाचल के कॉलेज जाने वाले छात्र व्हाट्सएप, फेसबुक, यूट्यूब, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे एप्लिकेशन पर लगभग चार घंटे बिताते हैं। कई छात्रों को रात को सोशल मीडिया का प्रयोग किए बिना नींद ही नहीं आती। 

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उनके सर्वेक्षण में राज्य भर के 1400 कॉलेज छात्रों ने भाग लिया। वे विज्ञान, कला, वाणिज्य, कंप्यूटर विज्ञान, मुखबिर प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और प्रबंधन सहित विभिन्न विषयों से थे। प्रतिभागियों में से 59 प्रतिशत से अधिक पुरुष और 41 फीसदी महिलाएं थीं। सर्वेक्षण के परिणाम के अनुसार सोशल मीडिया का उपयोग हर तीन छात्रों में से एक की नींद को प्रभावित करता है क्योंकि वे रात में जागते हैं।

उन्होंने कहा कि यह अध्ययन छात्रों के इंटरनेट मीडिया के उपयोग और इसके प्रभाव के बारे में जानने के लिए एक ऑनलाइन लिकर्ट स्केल सर्वेक्षण का उपयोग करते हुए किया गया था। उन्होंने कहा कि अधिकांश प्रतिभागियों ने सहमति व्यक्त की कि सोशल मीडिया के उपयोग ने उनके जीवन को निराशाजनक रूप से प्रभावित किया है। लगभग 32 फीसदी छात्रों ने स्वीकार किया कि यह उनके नींद की बीमारी का मुख्य कारण था। प्रारंभिक शोध में सार्थक परिणाम आने के बाद उन्होंने अपने शोध का विस्तार करने शुरू किया है। अब वे अपने इस शोध को उत्तर भारत के छात्रों तक कर रहे हैं।


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