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अनुबंध कार्यकाल दो साल करने की पैरवी

संवाद सहयोगी पालमपुर अनुबंध अध्यापक संघ ने अनुबंध कार्यकाल को तीन साल से घटाकर दो साल

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2020 10:30 PM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 10:30 PM (IST)
अनुबंध कार्यकाल दो साल करने की पैरवी

संवाद सहयोगी, पालमपुर : अनुबंध अध्यापक संघ ने अनुबंध कार्यकाल को तीन साल से घटाकर दो साल करने की सरकार से मांग की है। सरकारी स्कूलों में अनुबंघ पर लगे अध्यापकों की मंगलवार को ऑनलाइन बैठक हुई। संघ के कार्यकारी अध्यक्ष अरुण भारद्वाज की अध्यक्षता में हुई बैठक में अनुबंध कर्मचारियों की समस्याओं पर चर्चा हुई।

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अनुबंध अध्यापक संघ ने प्रदेश सरकार को चुनावी वादा याद दिलाते हुए इसे शीघ्र पूरा करने का आग्रह किया। बैठक में कर्मचारियों ने रोष जताया कि सरकार के गठन को तीन साल हो रहे हैं, परंतु सरकार की ओर से अनुबंध कर्मचारियों से किए चुनावी वादे को पूरा नहीं किया जा रहा है।

संघ के अध्यक्ष ने बताया कि सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में कहा था कि जब भी भाजपा सत्ता में आएगी तो अनुबंध कार्यकाल को तीन साल से घटाकर दो साल किया जाएगा। उन्होंने सरकार से शिक्षक दिवस पर मांग को पूरा करने की गुहार लगाई है।

वर्चुअल बैठक में मीडिया प्रभारी अजय पटियाल, कानूनी सलाहकार सुमित मिन्हास, सदस्य अग्निबेश, अनीष कटोच, संजय कपूर, मनीश वर्मा, राजेश ठाकुर, उषा रानी, राकेश मौजूद रहे।

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बिना कमीशन भर्तियों का होगा विरोध

संवाद सहयोगी, ज्वालामुखी : बिना कमीशन भर्तियों का प्रदेश प्रशिक्षित बेरोजगार संघ विरोध करेगा। नियमानुसार बैचवाइज भर्ती न होने के कारण बेरोजगार अध्यापक 21 साल से बेरोजगार हैं।

हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित बेरोजगार अध्यापक संघ की जिला ऊना अध्यक्ष रजनी बाला, उपाध्यक्ष त्रिलोक सिंह, महासचिव रेखा राणी, कोषाध्यक्ष रजत तथा सदस्य देवेंद्र शर्मा ने कहा कि सरकार का यह कहना गलत है कि एसएमसी शिक्षक केवल कबायली क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे थे। 792 एसएमसी शिक्षकों में से 582 गैर कबायली क्षेत्रों में तैनात थे।

हिमाचल में केवल तीन विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं, लेकिन एसएमसी शिक्षक हिमाचल के हर जिला में तैनात थे।

उन्होंने कहा कि बिना कमीशन व बैचवाइज भर्ती से शिक्षा की गुणवत्ता में भारी कमी आई है। यही कारण है आज कर्मचारी, अधिकारी और शासक वर्ग अपने बच्चों को ससरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ाना चाहते हैं।

2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 75 प्रतिशत ग्रामीण परिवार ऐसे हैं जिनकी मासिक आय या तो पांच हजार रुपये है या इससे कम है। पांच हजार रुपये मासिक आय वाले परिवार संतान को निजी स्कूल में नहीं पढ़ा सकते। इसलिए 75 फीसद ग्रामीण परिवारों को समान शिक्षा का अधिकार नहीं मिल रहा है।

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13 को उपवास रखेंगे एनपीएस कर्मचारी

जागरण टीम, मारंडा/पालमपुर : पुरानी पेंशन योजना बहाली के लिए 13 सितंबर को न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) कर्मचारी उपवास रखेंगे।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत के दिशा निर्देशों के अनुसार आंदोलन किया जाएगा। कर्मचारी ईश्वर से प्रार्थना करेंगे कि ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि दे जो खुद तो पुरानी पेंशन लेते हैं। लेकिन उन कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने से मना करते है, जिन्हें 1871 पेंशन अधिनियम के अनुसार पेंशन मिलती थी।


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