CoronaVirus: खांसी के मरीजों के उपचार को प्राथमिकता, पंजीकरण काउंटर पर दिया जाएगा पास; पढ़ें खबर
CoronaVirus Alert in Himachal डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में खांसी के मरीजों के जल्दी जांच व उपचार के लिए प्राथमिकता दी जा रही है।
कांगड़ा, नीरज व्यास। डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में खांसी के मरीजों के जल्दी जांच व उपचार के लिए प्राथमिकता दी जा रही है। कफ व खांसी संबंधित मरीजों के लिए अस्पताल प्रबंधन की ओर से विशेष पास दिया जाएगा। जिसमें कफ पीडि़त मरीजों के नमूनों की जांच में और उपचार में डाक्टर व लैब स्टाफ व अन्य सहयोगी स्टाफ इन्हें प्राथमिकता देगा। अगर डॉक्टर को किसी तरह का कोई कोरोना वायरस को लेकर संदेह लगता है तो पीडि़त मरीज को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया जाएगा।
दुनिया भर में कोरोना वायरस का खौफ चल रहा है। इसी के चलते टांडा अस्पताल प्रबंधन ने एक विशेष वार्ड संबंधित मरीजों की देखभाल के लिए तय किया है, जिसमें आठ बिस्तरों की व्यवस्था की गई है। चीन के कोरोना वायरस के बारे में मरीज व तीमारदारों को जागरूक करने के लिए अस्पताल प्रशासन पचास से अधिक बोर्ड अलग स्थानों पर स्थापित कर रहा है ताकि कोरोना वायरस से बचा जा सके। मैक्लोडगंज में अक्सर विभन्न राज्य व विदेशी मूल के नागरिकों की आवाजाही रहती है, इसकों लेकर अस्पताल प्रबंधन अलर्ट है। इसके अलावा तमाम स्टाफ को कोरोना के बारे में जरूरी गाइडलाइन जारी की गई हैं।
कोरोना वायरस को लेकर पूरी तरह से सतर्क हैं। एहतियात के तौर पर कफ मरीजों की जांच व उपचार को पास देकर सुविधाजनक बनाया है। अगर कोई गंभीर मरीज आता है तो आठ बैड का अइसोलेटिड वार्ड अस्पताल में बनाया है। इसके अलावा पचास से अधिक जागरूकता बोर्ड भी स्थापित किए जा रहे हैं। डॉ. सुरेंद्र भारद्वाज, चिकित्सा अधीक्षक, डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा।
पहाड़ों के नजदीक रह रहे लोग बरतें एहतियात
पहाड़ों से सटे क्षेत्रों के लोग एहतियात रखें, जंगली जानवरों के मीट का सेवन न करें। इन दिनों बर्फबारी हो रही है, कुछ जगहों पर कई बार जंगली जानवर बर्फबारी से मर जाते हैं तो कहीं पर शिकारी सक्रिय हो जाते हैं। फिर इनके मांस का सेवन करते हैं। यह जरूरी है कि जंगली जानवरों का शिकार न करें। इनके मांस का सेवन कोरोना वायरस को दावत दे सकता है।
स्थानीय परिंदों का न शिकार करें न उनका मांस खाएं
डॉ. सुरेंद्र भारद्वाज ने बताया कि जिला कांगड़ा में इन दिनों विदेशी परिंदों की भी आवाजाही रहती है। लेकिन अभी तक विदेशी परिंदों से कोरोना वायरस की कोई पुष्टि नहीं हुई है। जबकि विदेशी परिदों से ज्यादा जो स्थानीय पक्षी हैं, यह ज्यादा घातक हो सकते हैं। इस लिए स्थानीय पक्षियों का शिकार न करें व इनके मीट का भी सेवन न करें।