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करवाचौथ पर शिव-पार्वती व गणेश की पूजा का विशेष महत्व, जानिए शुभ मुहूर्त और कब निकलेगा चांद

Karvachauth Vrat हिंदू धर्म में करवाचौथ व्रत का विशेष महत्व है। करवाचौथ के दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। सुहागिनों के लिए यह व्रत सबसे अहम माना जाता है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2020 09:09 AM (IST)Updated: Mon, 02 Nov 2020 09:09 AM (IST)
हिंदू धर्म में करवाचौथ व्रत का विशेष महत्व है

धर्मशाला, जेएनएन। हिंदू धर्म में करवाचौथ व्रत का विशेष महत्व है। करवाचौथ के दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। सुहागिनों के लिए यह व्रत सबसे अहम माना जाता है। करवाचौथ का व्रत हर साल कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। जवाली के ज्योतिषी पंडित विपन शर्मा ने बताया इस साल करवा चौथ का व्रत 4 नवंबर, 2020 बुधवार को होगा। उनके अनुसार करवाचौथ शुभ मुहूर्त चतुर्थी तिथि- चार नवंबर को सुबह 03:24 बजे से 5 नवंबर को सुबह 05:14 बजे तक है। करवाचौथ पूजा का मुहूर्त शाम 5 बजकर 29 मिनट से शाम 6 बजकर 48 मिनट तक है।

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चांद निकलने तक रखा जाता है व्रत

जवाली के ज्योतिष पंडित विपन शर्मा ने बताया करवाचौथ का व्रत सूर्योदय से चांद निकलने तक रखा जाता है। चांद को अर्घ्य देने और दर्शन करने के बाद ही व्रत को खोलने का नियम है। चंद्रोदय से कुछ समय पहले शिव-पार्वती और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। चांद निकलने के बाद महिलाएं पति को छलनी में दीपक रखकर देखती हैं और पति के हाथों जल पीकर उपवास खोलती हैं। इसके अलावा आजकल कुंवारी लड़कियों द्वारा भी करवाचौथ व्रत रखा जाता है। कुंवारी लड़कियां भी सूर्य निकलने से पहले व्रत रखती हैं तथा रात्रि तारों की छांव में व्रत को खोलती हैं।

कहां कहां पर कब होगा चंद्रोदय

  • धर्मशाला: रात 8 बजकर 07 मिनट
  • जवाली: रात 8 बजकर 08 मिनट।
  • कांगड़ा: रात 8 बजकर 08 मिनट।
  • कुल्लू: रात 8 बजकर 05 मिनट।
  • चंबा : रात 8 बजकर 07 मिनट।
  • नादौन: रात 8 बजकर 08 मिनट।
  • नूरपुर: रात 8 बजकर 08 मिनट।
  • नाहन: रात 8 बजकर 07 मिनट।
  • नालागढ़: रात 8 बजकर 08 मिनट।
  • पालमपुर: रात 8 बजकर 06 मिनट।
  • बैजनाथ: रात 8 बजकर 06 मिनट।
  • बनीखेत: रात 8 बजकर 08 मिनट।
  • सोलन: रात 8 बजकर 07 मिनट।
  • सुंदरनगर: रात 8 बजकर 06 मिनट।

करवा चौथ में चंद्रमा की पूजा का महत्व

शास्त्रों में चंद्रमा को आयु, सुख और शांति का कारक माना जाता है। मान्यता है कि चंद्रमा की पूजा से वैवाहिक जीवन सुखी होता है और पति की आयु लंबी होती है।


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