एसपी बोले: पंजाब के नशा तस्करों ने कांगड़ा में बनाया ठिकाना, पुलिस भर्ती फर्जीवाड़े पर भी किया खुलासा
SP Kangra Vimukat Ranjan पंजाब के नशा तस्करों ने कांगड़ा में ठिकाने बना लिए हैं इनकी धरपकड़ तेज है।
धर्मशाला, मुनीष गारिया। नशा माफिया के खिलाफ चल रहे अभियान में बदलाव कर इसे और कड़ा किया जाएगा, ताकि नशा माफिया को संभलने का मौका न मिले। पंजाब के नशा तस्करों ने कांगड़ा में ठिकाने बना लिए हैं, इनकी धरपकड़ तेज है। दो चरणों में होने वाली कार्रवाई के पहले चरण पर काम शुरू हो गया है। इसमें पड़ोसी राज्य की मदद से नशा तस्करों पर कार्रवाई हो रही है। दूसरे चरण की कार्ययोजना बनाई जा रही है, जिस पर जल्द काम शुरू हो जाएगा। इसके अलावा यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले वाहन चालकों पर भी उच्च गुणवत्ता वाले ऑटोमेटिक सीसीटीवी कैमरों से नजर रखकर ऑनलाइन चालान किए जाएंगे। इस संदर्भ में पुलिस अधीक्षक कांगड़ा विमुक्त रंजन से दैनिक जागरण ने विशेष बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश।
नशा माफिया के खिलाफ क्या योजना बनाई है?
पहले चरण के अंतर्गत कांगड़ा पुलिस को पंजाब पुलिस से 60 ऐसे लोगों की सूची प्राप्त हुई है, जोकि पंजाब में नशा तस्करी मामलों में संलिप्त हैें और भगौड़े घोषित हो चुके हैं। पंजाब में नशा तस्करी को अंजाम देने के बाद ये लोग कांगड़ा में छुपकर बैठे हैं और वे यहां के निवासी हैं। कांगड़ा पुलिस इन लोगों को गिरफ्तार करके पंजाब पुलिस के हवाले कर रही है।
प्रतिदिन नशा तस्करी के मामले दर्ज होने का क्या कारण है?
नशा तस्करों की जड़ें ग्रामीण क्षेत्रों तक फैली हुई हैं। ये बात सत्य है कि हर रोज नशा तस्करी के मामले दर्ज हो रहे हैं। जनवरी से अब तक 35 मामले दर्ज हुए हैं, जिसमें करीब डेढ़ किलो अफीम, करीब दो किलो चरस व हेरोइन भी शामिल है।
चोरी मामलों को सुलझाने में पुलिस नाकाम साबित क्यों हो रही है?
हां, पिछले साल हुए चोरी मामलों को सुलझाने में पुलिस अधिक सफल तो नहीं हुई है, लेकिन पिछले दो-तीन माह पूर्व हुए बहुत से मामले पुलिस ने सुलझाए हैं। इसमें गगल में बैटरी चोरी मामले में अंतरराज्यीय गिरोह को गिरफ्तार किया है। वहीं धर्मशाला में हुई 15 लाख रुपये के चोरी मामले को भी सुलझाया है।
ऑनलाइन ठगी क्यों पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हुई है?
ऑनलाइन ठगी का कारण जागरूकता का अभाव है। लोग खुद ठगों को फोन पर अकाउंट संबंधी सारी डिटेल दे देते हैं। शिकायत पर कार्रवाई में पाया जाता है कि ठग से पैसे को इतने अधिक माध्यमों से गुजारते हुए खुद तक पहुंचाया होता है उसकी पहचान करने के लिए बहुत समय पुलिस का लग जाता है। इसलिए जनता को खुद जागरूक होना होगा।
ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर पुलिस पर आए दिन सवाल उठते हैं, इसका हल क्या है?
ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने व चालकों को यातायात नियमों का पाठ पढ़ाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जा रहे हैं। प्रारंभिक चरण में इस सप्ताह धर्मशाला में सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा चिह्नित स्थानों पर भ कैमरे लगाए जाएंगे।
सामान्य व उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरों में क्या अंतर है?
शहरी क्षेत्र में वाहनों की गति 25 किलोमीटर प्रति घंटा अधिकतम है, लेकिन लोग इसका पालन नहीं करते। उच्च गुणवत्ता वाले ये कैमरे ऑटोमेटिक ही रिकार्ड करेंगे कि कौन से चालक तेज गति, बिना सीट बेल्ट, बिना हेलमेट या दोपहिया वाहन चालक ट्रिपल राइङ्क्षडग कर रहा है। रिकार्डिंग के बाद ई-चालान के माध्यम से ये कैमरा स्वयत: ही संबंधित गाड़ी का चालान करेगा। इसका कंट्रोल रूम एसपी ऑफिस धर्मशाला में स्थापित किया जाएगा।
पुलिस भर्ती फर्जीवाड़े में पुलिस कर्मी भी शामिल थे, क्या कार्रवाई हुई है?
फर्जीवाड़े के आरोपित विक्रम चौधरी ने दावा किया है कि उसने नौ पुलिस जवानों को भर्ती करवाया है। इन पुलिस वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है। अब उनकी उत्तर पुस्तिकाओं के हुए हस्ताक्षरों की जांच की जाएगी। अगर हस्ताक्षरों में बदलाव पाया गया तो उन पर कार्रवाई होगी।