स्की एंड स्नो बोर्डिंग चैंपियनशिप से पहले मनाली से बर्फ गायब, सोलंगनाला में तलाश
स्की एड एंड स्नो बोर्ड इंडिया के महासचिव रूपचंद नेगी ने बताया कि रूप चंद नेगी ने बताया कि फरवरी में राष्ट्रस्तर पर स्की एंड स्नो बोर्डिंग प्रतियोगिता मनाली व लाहुल में करवाने का फैसला लिया गया है।
जागरण संवाददाता, मनाली। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि देश के अन्य इलाकों में जहां जमकर बर्फबारी हो रही है वहीं मनाली से बर्फ गायब है। स्की एंड स्नो बोर्ड इंडिया के प्रतिनिधियों को शुक्रवार को लाहुल-स्पीति जिले का दौरा करना पड़ा। दरअसल वे फरवरी 2021 में होने वाले स्कींइग चैंपियनशिप के लिए तीन फीट मोटी परत वाली सटीक ढलान वाला इलाका तलाश रहे हैं।
राष्ट्रस्तरीय स्की ढलान मनाली के सोलंगनाला में हर साल बर्फ कम हो रही है। इस कारण हिमाचल प्रदेश विंटर गेम्स एसोसिएशन सोलंगनाला का विकल्प तलाशने में जुटी है। फरवरी में सोलंगनाला में प्रस्तावित राष्ट्रस्तरीय स्की एंड स्नो बोìडग चैंपियनशिप के लिए अगर बर्फबारी नहीं हुई तो लाहुल-स्पीति जिले में सिस्सू, धुंधी या हामटा सोलंगनाला के विकल्प हो सकते हैं।
स्की एंड स्नो बोर्ड इंडिया के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को नई ढलानों की तलाश के लिए लाहुल-स्पीति जिले का दौरा भी किया। अटल टनल रोहतांग के देश को समर्पित होने से हिमाचल का जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति साहसिक खेलों का हब बन सकता है। पर्यटन नगरी मनाली की स्की ढलान सोलंगनाला में पिछले वर्ष राष्ट्रीय स्की एंड स्नो बोर्डिंग प्रतियोगिता हुई थी। इस साल यहां राष्ट्र स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन बर्फबारी पर निर्भर करेगा।
वहीं, हिमाचल प्रदेश विंटर गेम्स एसोसिएशन, स्कीइंग एंड स्नो बोर्ड इंडिया की मदद से फरवरी में चंद्रा घाटी में प्रतियोगिता करने जा रही है। इसी सिलसिले में 22 जनवरी को स्कीइंग एंड स्नो बोर्डिंग की टीम सिस्सू में स्कीइंग ढलान तलाशने गई है। शुक्रवार को टीम ने लाहुल-स्पीति की चंद्रा घाटी के सिस्सू और गोंधला के आसपास स्की ढलानों की संभावना को तलाशा है। इसमें स्थानीय पंचायत के सदस्यों सहित लाहुल प्रशासन भी सिस्सू में एकत्रित हुए। मनाली के सोलंगनाला में स्की एंड स्नो बोर्डिंग प्रतियोगिता करवाई जाती रही है। टनल खुलने के बाद यह पहला मौका है कि जनजातीय जिला लाहुल स्पीति में भी राज्यस्तरीय प्रतियोगिता करवाई जा रही है।
सोलंगनाला में 340 मीटर स्की ढलान : सोलंगनाला में 340 मीटर स्की ढलान है। इसे 130 मीटर और लंबा बनाया जा रहा था, ताकि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर का बन सके। इसमें वन भूमि आड़े आ गई। स्की ढलान में एक फीट मोटी बर्फ की परत होना जरूरी है। माइनस तापमान जरूरी होता है, ताकि बर्फ ठोस बन सके। जितनी ठोस बर्फ होगी उतना ही प्रतिभागी को तेज भागने में आसानी होगी।
मनाली : मनाली के दरवाजों से लगभग 12 किलोमीटर दूर सोलंग वैली नामक शानदार स्कीइंग गंतव्य है। हालांकि सोलांग नाला के रूप में भी जाना जाता है, यह जगह बर्फ के ढलानों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। यहां हर साल स्कीइंग उत्सव का आयोजन होता है। सोलंग वैली में माउंटेनियरिंग और एलाइड स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट की स्थापना की गई है। सोलंग घाटी में दिसंबर और फरवरी के बीच बर्फ की परतें मोटी हो जाती हैं।
स्की एंड स्नो बोर्डिग के उपायुक्त पंकज राय ने बताया कि अटल टनल खुलने बाद पहली बार लाहुल में विंटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के मकसद से साहसिक खेलों का आयोजन किया जा रहा है। वहीं फेडरेशन द्वारा राज्यस्तरीय प्रतियोगिता करवाया जाना स्थानीय युवाओं की प्रतिभा भी निखरेगा।
नारकंडा : हिमाचल प्रदेश की गोद से एक और शानदार स्कीइंग गंतव्य भी निकलता है। नारकंडा, जो शिमला से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, भारत में स्कीइंग का आनंद लेने के लिए एक और बेहतर जगह है। यहां स्कीयर के विभिन्न स्तरों के लिए अलग-अलग ढलान हैं। कुछ आसान हैं जो शुरुआती लोगों को अपने कौशल को सही करने की अनुमति देते हैं। जबकि उन्नत स्तर के स्कीयर के पास स्टेटर अवरोही पर खुद को चुनौती देने का अवसर होता है।
दयारा बुग्याल : उत्तराखंड में और भी कुछ अच्छे स्कीइंग गंतव्य हैं। दयारा बुग्याल या दियारा बुग्याल उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। उत्कृष्ट स्कीइंग के अवसर के लिए जाना जाने वाला दयारा घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्कीयर दोनों का एक लोकप्रिय अड्डा रहा है। सíदयों के मौसम में बर्फबारी की उच्च मात्र बेहद खूबसूरत अनुभव के लिए मंच तैयार करती है। यहां ऐसी ढलानें हैं जो आसान से कठिन होती जाती हैं। शुरुआती लोगों के लिए यहां स्की प्रशिक्षण संस्थान भी है। इसके अलावा भी अन्य कई स्थान हैं उत्तराखंड में, जहां स्कीइंग की कोशिश की जा सकती है।
औली : औली देश के सर्वश्रेष्ठ स्कीइंग स्थलों में से एक है और खूबसूरत उत्तराखंड की गोद में स्थित है। इसे भारत में वर्ष 2011 में पहले शीतकालीन खेलों की मेजबानी करने का सम्मान भी मिला है। यहां स्कीइंग ढलान 2000 से 3000 मीटर तक है। पहाड़ों की चोटी पर जाने के लिए स्कीयर के लिए 500 मीटर लंबी स्की-लिफ्ट और 800 मीटर लंबी कुर्सी-लिफ्ट भी है। प्रशिक्षण संस्था भी है।
पहलगाम : पहलगाम को जम्मू कश्मीर में सुखद स्कीइंग अनुभव के लिए प्रमुख स्थानों में से एक के रूप में जाना जाता है। यहां स्कीइंग के लिए शांत वातावरण और लुभावना मंजर है। जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड विंटर स्पोर्ट्स के शौकीनों के लिए बेहतर स्कीइंग कोर्स उपलब्ध हैं। स्कीइंग के लिए पहलगाम की यात्र का सबसे अच्छा समय दिसंबर और मार्च के बीच है।