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हिमाचल में एसएमसी शिक्षकों पर संशय बरकरार, एक साल के सेवाविस्तार का प्रस्ताव; जानिए पूरा मामला

SMC Teachers हिमाचल प्रदेश के एसएमसी (स्कूल प्रबंधन कमेटी) अध्यापक स्कूलों में सेवाएं देंगे या नहीं इस पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sat, 08 Feb 2020 09:15 AM (IST)Updated: Sat, 08 Feb 2020 09:15 AM (IST)
हिमाचल में एसएमसी शिक्षकों पर संशय बरकरार, एक साल के सेवाविस्तार का प्रस्ताव; जानिए पूरा मामला
हिमाचल में एसएमसी शिक्षकों पर संशय बरकरार, एक साल के सेवाविस्तार का प्रस्ताव; जानिए पूरा मामला

शिमला, जागरण संवाददाता। हिमाचल प्रदेश के एसएमसी (स्कूल प्रबंधन कमेटी) अध्यापक स्कूलों में सेवाएं देंगे या नहीं, इस पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। विभाग ने सरकार को प्रस्ताव भेजा है कि एसएमसी के माध्यम से लगे शिक्षकों का करार अगले वित्त वर्ष के लिए बढ़ा दिया जाए। अब सरकार ने पत्र जारी कर शिक्षा निदेशक से पूछा है कि ऐसा प्रस्ताव भेजते समय तथ्य क्यों छुपाए। जब न्यायालय में इस संबंध में कुछ निर्देश जारी किए हैं तो उनका हवाला प्रस्ताव में क्यों नहीं दिया।

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सरकारी स्कूलों में तैनात एसएमसी शिक्षकों का करार खत्म हो चुका है। शीतकालीन स्कूलों में 12 फरवरी से नया सत्र शुरू हो रहा है। उनके खुलने पर यह शिक्षक स्कूल आएंगे या नहीं, इस पर स्थिति साफ नहीं हो पाई है। गौर रहे कि 22 जनवरी को निदेशक ने इनका करार बढ़ाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था। उम्मीद जताई जा रही थी कि  सरकार जल्द उनके बारे में कोई राहत भरा फैसला लेगी।

शुक्रवार को प्रधान सचिव शिक्षा ने पत्र जारी किया। इसमें कहा गया है कि एसएमसी शिक्षकों का करार बढ़ाने के प्रस्ताव में सरकार के तथ्य क्यों छुपाए हैं। इसका जवाब निदेशक को देना होगा। विभाग के उप सचिव देव भूषण संज्ञान की तरफ से यह पत्र जारी किया है। निदेशक के जवाब के बाद ही तय होगा कि एसएमसी शिक्षकों का भविष्य क्या होगा।

जल्द राहत दे प्रदेश सरकार : मनोज

एसएमसी शिक्षक संघ के राज्य अध्यक्ष मनोज रोंगटा ने कहा कि सरकार को जल्द ही करार को एक्सटेंशन देनी चाहिए। पीटीए का मामला सुप्रीम कोर्ट में होने के बावजूद सरकार ने उन्हें एक्सटेंशन दी। हाईकोर्ट में जो मामला चल रहा है, उसमें नए एसएमसी शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक की बात कही है। पुराने शिक्षकों के संबंध में कोई फैसला नहीं है। ऐसे में सरकार को हमें जल्‍द से जल्‍द राहत देनी चाहिए।


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