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पुलिस भर्ती फर्जीवाड़े में एसआइटी दोबारा गठित

पुलिस भर्तीबाड़े की जांच को पहले से गठित स्पेशल इनवेस्टगेशन टीम (एसआइटी) को पुन गठित किया गया है। डीएसपी पालमपुर अमित कुमार के नेतृत्व में गठित एसआइटी मामले के अब तक गिरफ्तार हुए आरोपितों से पूछताछ करेगी। एक सप्ताह के ये टीम आरोपितों से पूछताछ एवं मामले के जुड़े अन्य साक्ष्यों की जांच करेगी। इसके अलावा मुख्य आरोपित विक्रम चौधरी के दावे पर जिन नौ पुलिस जवानों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। उनकी लिखित परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Feb 2020 08:48 PM (IST)Updated: Tue, 04 Feb 2020 06:20 AM (IST)
पुलिस भर्ती फर्जीवाड़े में एसआइटी दोबारा गठित
पुलिस भर्ती फर्जीवाड़े में एसआइटी दोबारा गठित

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : पुलिस भर्ती फर्जीवाड़े की जांच के लिए पहले से गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) को पुनर्गठित किया गया है। डीएसपी पालमपुर अमित कुमार के नेतृत्व में गठित एसआइटी मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए आरोपितों से पूछताछ करेगी। एक सप्ताह में टीम आरोपितों से पूछताछ करेगी। साथ ही मामले से जुड़े अन्य साक्ष्यों की भी जांच करेगी।

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इसके अलावा फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपित विक्रम चौधरी के दावे पर जिन नौ पुलिस जवानों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है, उनकी लिखित परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की भी जांच करेगी। इसके अलावा आरोपितों के हस्ताक्षर व उत्तर पुस्तिका हाजिरी रजिस्टर पर किए गए दस्तख्तों का भी मिलान किया जाएगा। अगर हस्ताक्षरों में विभिन्नता पाई जाती है तो कार्रवाई की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि विक्रम चौधरी का सहारा लेकर फर्जी तरीके से भर्ती हुए नौ पुलिसकर्मियों के खिलाफ पालमपुर, धर्मशाला और भवारना थाने में केस दर्ज हो चुके हैं। विक्रम ने 2012 में एक, 2015 में 2 और 2017 में हुई पुलिस भर्ती लिखित परीक्षा में छह युवाओं को हाइटेक नकल और दूसरे व्यक्ति से पेपर दिलाकर पास करवाया था।  पुलिस थानों में सुशील निवासी लुधियाड़ जवाली, विनोद कुमार निवासी फारियां तहसील जवाली, संदीप सपहिया निवासी सरोला तहसील जवाली, रिक्की चौधरी निवासी सियाल तहसील फतेहपुर, संपत निवासी सियाल तहसील फतेहपुर, रवि निवासी लुधियाड़ तहसील जवाली, मनजीत सिंह निवासी लुधियाड़ तहसील जवाली, मुकेश निवासी लुधियाड़ तहसील जवाली व अमरजीत निवासी फारियां तहसील जवाली पर धोखाधड़ी के आरोप में एफआइआर दर्ज हुई है। ये जवान तीन बटालियनों में तैनात हैं। पुलिस अधीक्षक कांगड़ा विमुक्त रंजन ने बताया कि एसआइटी को एक सप्ताह तक नियमित मामले के जांच करने और उसकी रिपोर्ट सीधे पुलिस अधीक्षक कार्यालय में देने के लिए कहा है।


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