अब कोसों दूर से होंगे श्री चामुंडा माता मंदिर के दर्शन, 50 फीट ऊंचा बनाया जाएगा गुंबद Kangra News
Shri Chamunda Devi Temple इस साल नवंबर तक श्री चामुंडा मंदिर स्थित प्राचीन शिव मंदिर का कायाकल्प होगा।
योल, सुरेश कौशल। इस साल नवंबर तक श्री चामुंडा मंदिर स्थित प्राचीन शिव मंदिर का कायाकल्प होगा। अनुमानित 1.14 करोड़ रुपये की लागत से मंदिर के पुनर्निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। अब मंदिर परिसर में शिव पुराण की गाथाओं को भी उकेरा जाएगा। इसके अलावा दीवारों पर कांगड़ा शैली के चित्रों की पेंङ्क्षटग करने की योजना है। करीब 300 साल पुराने मंदिर की दीवारें तथा चट्टान के भार को उठाने में सक्षम नहीं रहे थे। इसके लिए मंदिर प्रशासन ने 2016-17 के दौरान बजट का प्रावधान कर मंदिर को नया रूप प्रदान करने का बीड़ा उठाया।
प्रस्तावित योजना के तहत विशाल चट्टान को टिकाने के लिए राफ्टर फिटिंग की जाएगी। मंदिर को धार्मिक, पौराणिक स्वरूप प्रदान करने के लिए वास्तुकला तथा वास्तुशास्त्र विशेषज्ञ की सेवाएं ली गई हैं। अब मंदिर के दर्शन तीन किलोमीटर की दूरी से भी बड़ी आसानी से किए जा सकते हैं। अब नई योजना के अंतर्गत मंदिर का गुंबद 50 फीट ऊंचा बनाया जा रहा है। मौजूदा समय में मंदिर का गुंबद करीब 25 फीट तक ही है।
1994 के दौरान श्री चामुंडा तथा शिव मंदिर का सरकार ने अधिग्रहण किया था। उससे पूर्व चामुंडा मंदिर का संचालन कमेटी किया करती थी, परन्तु शिव मंदिर सचालन जदरांगल का गोस्वामी परिवार ही करता रहा। अब भी इसी परिवार के वशजों को मंदिर के चढ़ावे से 40 फीसद हिस्सा दिया जाता है। बहरहाल अब प्राचीन शिव इसी वर्ष के अन्त तक एक नए रूप में उभरेगा।
सहायक मंदिर आयुक्त एवं एसडीएम धर्मशाला हरीश गज्जू का कहना है मंदिर में प्रस्तावित विकास कार्य तेजी से चल रहे हैं, जिन्हें इस वर्ष के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
ज्वालामुखी मंदिर में गौरी कुंड का होगा जीर्णोद्धार
ज्वालामुखी : विश्व विख्यात शक्तिपीठ ज्वालामुखी मंदिर में स्थित प्राचीन गौरी कुंड का जीर्णोद्धार होगा। गौरीकुंड में शहंशाह अकबर की नहर का पानी संग्रह होता है और राखी, पंचभीष्म व अन्य कई पर्व गौरी कुंड में पूजा-अर्चना के साथ मनाए जाते हैं और इस कुंड के पवित्र जल से मंदिर में पांच आरतियां होती हैं। ऐतिहासिक व पवित्र गौरी कुंड के जीर्णोद्धार की योजना मंदिर न्यास ज्वालामुखी बनाने जा रहा है, ताकि गौरी कुंड के अंदर अच्छी तरह से सफाई हो सके, पानी की निकासी सही तरीके से हो सके और शुद्ध व पवित्र जल माता की पूजा व आरतियों में उपयोग किया जा सके। माता के मुख्य मंदिर की सफाई भी गौरी कुंड के ही जल से होती है। समय समय पर इस कुंड की सफाई व मरम्मत मंदिर न्यास करवाता रहता है, ताकि इसके जल की शुद्धता बनी रहे।
माता के गौरी कुंड की समय-समय पर सफाई करवाई जाती है, ताकि इस पवित्र कुंड के जल की शुद्धता बनी रहे। इसके अलावा गौरी कुंड की मरम्मत भी करवाई जाएगी। -अंकुश शर्मा, एसडीएम, ज्वालामुखी।
शहंशाह अकबर की नहर का भी जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इसी तर्ज पर गौरी कुंड का भी काम होगा ताकि धार्मिक धरोहरों को बचाया जा सके। -रमेश धवाला, उपाध्यक्ष, राज्य योजना बोर्ड।